बिहार के नालंदा के राजगीर विधानसभा से आठ बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक रह चुके माननीय सत्यदेव नारायण आर्य हरियाणा के नए राज्यपाल के रूप में न्युक्त किया गया हैं | वह बिहार सरकार में दो बार मंत्री पद का भी दायित्व संभाल चुके हैं। सत्यदेव नारायण आर्य जी बिहार के खनन विभाग के मंत्री रह चुके है | सत्यदेव नारायण आर्य हरियाणा के 17वें राज्यपाल का दायित्व ग्रहण कर चुके हैं। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की । इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मौजूद रहेंगे। समारोह में आर्य के बेटे व भाजपा नेता ओम प्रकाश रंजन सहित अन्य परिजन व रिश्तेदार भी शामिल होंगे।
सत्यदेव नारायण के राज्यपाल बनने के बाद अब बिहार के तीन लोग राज्यपाल हो गए हैं । मृदुला सिन्हा गोवा की और गंगा प्रसाद सिक्किम के राज्यपाल हैं । हरियाणा के नवनिर्वाचित राज्यपाल सत्यदेव नारायण नालंदा विधानसभा से आठ बार बीजेपी के विधायक रह चुके हैं । एमए पार्ट वन तक पढ़े सत्यदेव नारायण आर्य आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैैं । उनके जीवन का लंबा समय आर्य समाज में बीता। 1962 से जनसंघ से जुड़ा होने के बावजूद उन्हें 10 साल बाद पहली बार चुनाव लड़ने का मौका मिला। पूरे देश में चलाए गए राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में भी सत्यदेव नारायण आर्य की अहम भूमिका रही। लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में तब सत्यदेव नारायण ने गिरफ्तारी दी थी।
सत्यदेव नारायण आर्य का जन्म अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र राजगीर के गांधी टोला में एक साधारण से परिवार में हुआ। उनके जन्म से पहले ही उनके पिता की मौत हो गई थी। उनके चाचा और मां ने उनकी परवरिश की। उन्होंने 1972 में भारतीय जनसंघ के टिकट पर भाग्य आजमाया मगर असफल रहे। एक बार फिर 1977 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और बहुमत से विजयी हुए। इसके बाद सत्यदेव नारायण आर्य ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पिछले साल बिहार के गंगा प्रसाद को मेघालय का राज्यपाल बनाया गया था। मंगलवार को उनका ट्रांसफर सिक्किम कर दिया गया। अब वह सिक्किम के राज्यपाल हैं। भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी के रूप में उन्होंने 1967, 1969 और 1985 में दानापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा। वह जीत तो नहीं मगर अपने व्यक्तित्व के दम पर पार्टी का परचम बुलंद रखा। 1994 में पहली बार बिहार विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए। 18 साल तक विधान पार्षद रहे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के दौर में विधान परिषद के नेता का भी दायित्व निभाया। उसके बाद सत्तारूढ़ दल के उप नेता रहे। पांच वर्षों तक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी का निर्वह्न किया।
सत्यदेव नारायण आर्य जनसंघ के पुराने नेता हैं। इनका जन्म राजगीर के गांधी टोला में एक साधारण परिवार में हुआ। जन्म से पहले ही पिता शिवन राम की मौत हो गई थी, इसलिए इनका लालन-पालन चाचा रामफल आर्य ने किया। दलित नेता आर्य सभी वर्गों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। आर्य बिहार सरकार में पहली बार रामसुंदर दास मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास विभाग मंत्री और फिर 2012 में नीतीश मंत्रिमंडल में खान एवं भूतत्व मंत्री बनाये गए।
राजनीति में आने से पहले आर्य चंडी प्रखंड में कार्यालय सहायक पद पर कार्यरत थे, लेकिन नौकरी छोड़कर आर्य ने 1972 में भारतीय जनसंघ के टिकट पर भाग्य आजमाया। यह चुनाव वह हार गये। 1977 में वह फिर चुनाव लड़े और भारी बहुमत से चुनाव जीते। इसके बाद वह एक के बाद एक चुनाव जीतते रहे। 2015 के चुनाव में भाजपा ने इन्हें राजगीर का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पार्टी की अंदरूनी कलह से जदयू प्रत्याशी से वह मात खा गए।
हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी और सत्यदेव नारायण आर्य की जन्मतिथि संयोग से एक ही है। दोनों का जन्म एक जुलाई 1939 को हुआ है। आर्य फुटबाल, कुश्ती और कबड्डी के शानदार खिलाड़ी रह चुके हैैं। उन्होंने अपने चाचा के साथ मिलकर कुछ दिन व्यापार भी किया।