सखी री कर दे मेरा सिंगार कन्हैया गोकुल आते हैं, माझी कर दो जमुना पार कन्हैया गोकुल आते हैं

radha

सखी री कर दे मेरा सिंगार कन्हैया गोकुल आते हैं,

माझी कर दो जमुना पार  कन्हैया  गोकुल आते हैं।

 

नन्दगॉव  और  बरसाने  में फूल  कली  मुस्काती हैं,

झूम  झूम  मधुबन में पाँखी मुधुर गीत अब गाती है,

वृन्दावन   में  छोरी  नाचे  घुंघुरू  जी   झनकाते  है,

सखी री कर दे मेरा सिंगार कन्हैया गोकुल आते हैं। radha 0

समाचार मिलते ही मन का दूर  हुआ सब अँधियारा,

गावँ गावँ और नगर नगर में फैला प्रीत का उजियारा,

जमुना  के धारों  की  कल  कल मीठे गीत सुनाते हैं।

सखी री कर दो मेरा  सिंगार कन्हैया गोकुल आते हैं।

 

सखियन  इतना  बतला  दो मैं  कैसे दर्शन को जाऊं,

घूँघट और गिरा दो मुख  पर  लाज से मैं न मर जाऊं,

मन में है उल्लास की  धारा पल  पल  मुझे लजाते हैं।

सखी री कर दो मेरा सिंगार  कन्हैया गोकुल आते हैं।

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 हृदय  की  धड़कन  कहती है मुझ से जाने अनजाने,

ऐसा ना  हो  मेरे  गिरधर  अब  मुझ को  न  पहचानें,

पर  आशाएं   कहती  हैं  वह  रास  रचाने   आते  हैं।

सखी री कर दो मेरा सिंगार कन्हैया गोकुल आते हैं।

 

पल  पल  मेरा  इक युग जैसा बीता  मेरा  मुरलीधर,

कट जाये गी सारी  बिपदा दर्शंन मिलते  हे  गिरधर,

 मिलन की बेला नयनन आंसू लाखों दीप जलाते हैं।

सखी री कर दे मेरा  सिंगार  कन्हैया गोकुल आते हैं।

माझी कर दो जमुना  पार कन्हैया  गोकुल   आते  हैं।

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मेहदी अब्बास रिज़वी

  ” मेहदी हललौरी “