राफेल डील को लेकर जहाँ कांग्रेस बीजेपी सरकार पर घोटालेबाजी का आरोप लगा रही है । वही भारतीय वायु सेना ने इस डील का समर्थन किया है विपक्ष चाहे जितना भी हाहाकार मचाये पर भारतीय वायु सेना राफेल का बहुत ही बेसब्री से इन्तजार कर रही है । इसी बीच वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने इन विमानों को जरूरी बताते हुए इसे देश की हवाई सीमाओं के लिए अहम बताया है। धनोआ ने चीन और पाकिस्तान का जिक्र कर राफेल को देश के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति अलग है। हमारे पड़ोसी परमाणु संपन्न हैं और वे अपने विमानों का आधुनिकीकरण में लगे हुए हैं।
पड़ोसी देशों से भारत को बढ़ते खतरे का अंदेशा जताते हुए बुधवार को कहा कि हम सीमा पार से विद्रोह का सामना कर रहे हैं। हमारे पड़ोसी देश खाली नहीं बैठे हैं। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि तिब्बत में चीन ने लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। हमें और ज्यादा लडाकू विमानों की जरूरत है। ‘राफेल और S-400 के जरिए सरकार वायुसेना को मजबूत बनाने का काम कर रही है। ‘ चीफ ने कहा, ‘ भारतीय वायुसेना के पास 42 स्क्वॉड्रन के मुकाबले हमारे पास 31 ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि 42 की संख्या होने पर भी यह पर्याप्त नहीं होगा। ‘ उन्होंने कहा, ‘पिछले एक दशक में चीन ने भारत से लगे स्वायत्त क्षेत्र में रोड, रेल और एयरफील्ड का तेजी विस्तार किया है।’ उन्होंने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को उचित बताते हुए कहा कि इस तरह के खरीद के उदाहरण पहले भी रहे हैं।
#WATCH What we do not have are the numbers, against a sanctioned strength of 42 squadrons, we are down to 31. Even when we do have 42 squadrons, we will be below the combined numbers of two of our regional adversaries:Air Force Chief Birender Singh Dhanoa in Delhi pic.twitter.com/DKa6sQHDva
— ANI (@ANI) September 12, 2018
धनोआ ने बताया कि हमारे सूत्रों के अनुसार चीन के पास करीब 1700 एयरक्राफ्ट हैं जिनमें, 800 फोर्थ जेनरेशन के हैं। इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया जा सकता है। चीन के पास पर्याप्त संख्या में लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान ने भी F-16 विमानों के फ्लीट को अपग्रेड किया है और उसे चौथे और पांचवें जनेरेशन में बदल रहा है। पाकिस्तान JF17 विमान को भी शामिल कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें किसी प्रकार के संघर्ष की स्थिति को रोकने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी। ताकि अगर दो मोर्चे पर भी लड़ना पड़े तो हम तैयार रहें।’ धनोआ ने कहा, ‘राफेल जैसे हाइटेक विमान हमारी जरूरत हैं क्योंकि तेजस अकेले मुश्किलों का सामना नहीं कर सकता है।’ उन्होंने कहा कि देश को विपक्षी देशों के मुकाबले खुद को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘भारत जैसी मुश्किल स्थिति का सामना कोई और देश नहीं कर रहा है। विरोधी के नीयत में थोड़ा भी बदलाव से चीजें रातोंरात बदल सकती हैं। हमें अपने विपक्षी देशों के बराबर ताकत चाहिए।’
इनके अलावा वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एसबी देव ने भी कुछ दिन पहले इस डील का समर्थन किया था। उन्होंने कहा ‘ यह बेहद खुबसूरत एयरक्राफ्ट है। यह बहुत क्षमतावान है और हम इसे उड़ाने का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने इस डील को लेकर हुए विवाद के बारे में सवाल पूछे जाने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि राफेल जेट्स भारत से की मुकाबला करने की क्षमता में अभूतपूर्व लाभ होगा। आलोचना करने वालों को इसके मानदंड और खरीद प्रक्रिया को समझना चाहिए ।