PM मोदी हुए सम्मानित, मिला ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ का खिताब

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नई दिल्‍ली :-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ बन गए हैं। आज दिल्ली में एक विशेष समारोह में उन्हें संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार दिया गया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने पीएम मोदी को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया।

अवॉर्ड प्राप्त करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारत की सवा सौ करोड़ जनता की प्रतिबद्धता का सम्मान है। यह भारत की उस नित्य नूतन, चिर पुरातन परंपरा का सम्मान है, जिसने प्रकृति में परमात्मा को देखा और जिसने सृष्टि के मूल में पंचतत्व के अधिष्ठान का आह्वान किया है।

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मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को उनके अनुकरणीय नेतृत्व और जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ विकास पर उनकी पैरोकारी के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया था । 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में 73वें आमसभा की बैठक के इतर इस पुरस्कार की घोषणा की गई थी। बता दें कि यह पुरस्कार सरकार के नेताओं, सिविल सोसाइटी और निजी क्षेत्र के ऐसे लोगों को दिया जाता है, जिनके काम से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

 

 

उन्‍होंने कहा, ‘देखिए, मौजूद दौर की मांग है कि आबादी को पर्यावरण पर, प्रकृति पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, विकास के अवसरों से जोड़ा जाए। इसलिए मैं पर्यावरण से न्‍याय की बात करता हूं। जलवायु परिवर्तन की चुनौती से जलवायु के साथ न्‍याय सुनिश्चित किए बिना निपटा नहीं जा सकता।’ उन्‍होंने कहा कि ये संवेदना है जो हमारे जीवन का हिस्सा है। पेड़-पौधों की पूजा करना, मौसम, ऋतुओं को व्रत और त्योहार के रूप में मनाना, लोरियों-लोकगाथाओं में प्रकृति से रिश्ते की बात करना, हमने प्रकृति को हमेशा सजीव माना है, सहजीव माना है।

 

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पीएम मोदी ने कहा, ‘ये भारत के आदिवासी भाई-बहनों का सम्मान है,जो अपने जीवन से ज्यादा जंगलों से प्यार करते हैं। ये भारत के मछुआरों का सम्मान है, जो समंदर से उतना ही लेते हैं, जितना अर्थ उपार्जन के लिए आवश्यक होता है। ये भारत के किसानों का सम्मान है, जिनके लिए ऋतुचक्र ही जीवनचक्र। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सबसे तेज़ गति से शहरीकरण हो रहा है।

 

 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मौके पर कहा कि आज भारत के लिए बहुत बड़े गौरव का दिन है। आज हमारे प्रधानमंत्री को पर्यावरण के क्षेत्र में नेतृत्व देने के लिए ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। पृथ्वी हमारे लिए ग्रह नहीं है, बल्कि वह हमारे लिए मां है। भारत में जब भवन बनाए जाते हैं तो भूमि-पूजन किया जाता है।

 

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प्रधानमंत्री मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पैरवी के लिए अग्रणी कार्यों और 2022 तक एकल उपयोग वाली सभी तरह की प्लास्टिक को भारत से हटाने के संकल्प के कारण नेतृत्व श्रेणी में चुना गया। वार्षिक ‘चैम्पियंस आफ अर्थ’ पुरस्कार सरकार, सिविल सोसाइटी और निजी क्षेत्र में ऐसे असाधारण नेताओं को दी जाती है, जिनके कदमों से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

 

 

इस साल संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से ये सम्मान विभिन्न श्रेणियों में 6 लोगों और संस्थाओं को दिया गया है। जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इमैनुअल मैक्रों, जोआन कार्लिंग, चीन का जिनजिआंग ग्रीन रूरल प्रोग्राम, कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और बियोंड मीट एवं इंपोसिबल फूड्स के नाम शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से कहा गया है कि ये लोग बेहतर भविष्य के लिए आज को बदल रहे हैं।