डिजिटल इंडिया के दौर में बटन दबाते ही आप लाखों रुपये इधर से उधर भेज सकते हैं, रेल, विमान के टिकट से लेकर खाने की प्लेट तक सब कुछ एक क्लिक पर उपलब्ध है, इस सहूलियत के बीच जरा सी लापरवाही आपको साइबर अपराध का शिकार बना देती है, राजधानी में हर दिन सैकड़ों लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं,किसी का पूरा बैंक खाता खंगाल दिया जा रहा है, तो किसी के एटीएम-क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर ऑनलाइन शॉपिंग करके उसे चूना लगाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर उसका चारित्रिक हनन करके उसे साइबर अपराध का शिकार तक बनाया जा रहा है। आधुनिक समय में ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या को देखते हुए, इस विषय पर दैनिक जागरण द्वारा पाठकों के लिए जागरण का आयोजन किया गया। इसमें आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर सवाल पूछे और साइबर अपराध मामलों के जानकार पवन दुग्गल ने उनके जवाब दिए। पेश है आम नागरिकों व साइबर एक्सपर्ट के बीच हुए सवाल-जवाब के अंश।
ज्यादातर ये काम दिल्ली शहर में अधिक मात्रा में होता हुआ दिखाई दे रहा है
बैंक खाते की जानकारी को कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से साझा न करें, वेबसाइट का इस्तेमाल करते हुए ध्यान रखें, कंपनी की सुरक्षित वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें,अपने क्रेडिट कार्ड में बैलेंस लिमिट को कम रखकर पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें, साथ ही बैंक स्टेटमेंट भी चेक करते रहें , किसी भी अनावश्यक ट्रांजेक्शन की शिकायत पुलिस में करें ,और इसकी जानकारी बैंक को भी दें, तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर पूरी धनराशि वापस मिलने का प्रावधान है, वहीं तीन दिन बाद शिकायत करने पर 3 से 10 फीसद तक धनराशि कटने का प्रावधान है।
साइबर अपराध पर नियंत्रण करने के क्या उपाय हैं? इसके लिए क्या करना चाहिए।
साइबर अपराध बड़े स्तर पर फैल रहा है, कुछ लोगों को भ्रम होता है, कि वे इसके शिकार नहीं होंगे और वे बैंक व मोबाइल की अहम जानकारी दूसरों के साथ साझा कर देते हैं। कानून में भी अभी कई कमियां हैं जिससे यह अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह कारगर नहीं है, हमें सजग रहना होगा कि हम अपनी अहम जानकारियां किसी के साथ साझा न करें।
ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले जान ले साइबर एक्सपर्ट की राय