लखनऊ :– पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में आईएएस बी.चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुए अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने शनिवार को तत्कालीन डीएम बी.चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर छापा मारा है |
अवैध खनन के मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीमों ने लखनऊ, कानपुर, हमीरपुर, जालौन समेत कुल 12 जगहों पर छापेमारी की। सीबीआई टीम ने लखनऊ स्थित हुसैनगंज में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास पर भी छापा मारा | सरोजनी नायडू मार्ग स्थित सफायर अपार्टमेंट में रहनेवाली डीएम बी. चन्द्रकला के फ्लैट नंबर 101 में सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं | फिलहाल कार्रवाई जारी है, आपको बता दें कि डीएम के खिलाए मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी |
आरोप है कि इस आईएएस ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी। अखिलेश यादव की सरकार में बी.चन्द्रकला आईएएस की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी।
दरअसल, सीबीआई इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच कर रही है | फिलहाल, बी चंद्रकला डेप्यूटेशन पर हैं, यूपी में उनकी छवि एक कड़क और ईमानदार अफसर की रही है | इससे पहले बुलंदशहर, हमीरपुर समेत कई जिलों में बतौर डीएम चंद्रकला ने अपने कामों और कड़क अंदाज की वजह से वाहवाही और सुर्खियां बटोर चुकी हैं | सीबीआई ने चंद्रकला के हमीरपुर आवास पर छापेमारी की है |
इसके बाद ही साल 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी | हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे | याचिकाकर्ता का आरोप है कि, मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया | साल 2016 को तमाम शिकायतों और याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है |