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वायु प्रदूषण बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक
Nov 10, 2019
यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे ने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण का जहर बच्चों के मस्तिष्क विकास को प्रभावित कर सकता है और भारत व दक्षिण एशिया में गहराते इस संकट से निपटने के लिए उन्होंने तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया.
हाल ही में भारत का दौरा कर चुकीं फोरे ने बुधवार को कहा, “मैंने अपनी आंखों से देखा है कि बच्चे वायु प्रदूषण के भयानक परिणामों से किस तरह लगातार पीड़ित हो रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “वायु गुणवत्ता एक संकट के स्तर पर थी. आप वायु शोधक मास्क लगाने के बाद भी विषाक्त धुंध की गंध का एहसास कर सकते हैं.”
फोरे ने कहा कि वायु प्रदूषण बच्चों पर सबसे ज्यादा असर डालता है और यह उनके जीवन को लगातार प्रभावित करता रहता है, क्योंकि उनके फेफेड़े अपेक्षाकृत छोटे होते हैं और वे वयस्कों की बनिस्बत दोगुना तेजी से सांस लेते हैं. उनमें प्रतिरक्षण क्षमता की कमी होती है.
उन्होंने कहा, “यह शिशुओं और छोटे बच्चों में मस्तिष्क के ऊतक को क्षतिग्रस्त करता है और उनमें संज्ञानात्मक विकास को रोकता है, जिसका खामियाजा वे पूरे जीवन भुगतते हैं और उससे उनकी सीखने-समझने की क्षमता और भविष्य प्रभावित होता है.
इस बात के सबूत हैं कि उच्च स्तर के वायु प्रदूषण में रह चुके किशोरों को अपेक्षाकृत अधिक मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.”
फोरे ने कहा कि यूनीसेफ दक्षिण एशिया में 62 करोड़ बच्चों को प्रभावित कर रहे इस वायु गुणवत्ता संकट से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करता है.