विजय पाल वर्मा , संवाददाता
बलरामपुर, रीडर टाइम्स
बलरामपुर जनपद के उतरौला तहसील अन्तर्गत विकास खण्ड रेहरा बाजार के ग्राम गोल्हीपुर का है मामला। गरीबों पर ध्यान नही कर रहे जिम्मेदार लोग व अधिकारी। जहां एक तरफ सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है और उनको सरकारी सुबिधायें उपलब्ध कराने के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही है वहीं जिम्मेदार सुबिधा शुल्क न मिलने के कारण मजबूर और लाचार लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ से डर किनार कर रहे हैं। ग्राम पंचायत गोल्हीपुर के मजरे पटौवा में लगभग आधा दर्जन परिवार छप्पर के ऊपर पल्ली डालकर ठंड में जीवन यापन करने को मजबूर हैं।गाँव के 57 वर्षीय बुजुर्ग अमिरका पुत्र छोटे जिनकी आँखों में साफ छलक रहा था।आवास न पाने का दर्द,बेवसी व लाचारी का दर्द जो अपनी आपबीती बयां कर मीडिया से की गई बातचीत के दौरान भावुक हो उठे।और अपने घर की चौखट के सामने बैठ कर फूट-फूट कर रोने लगे।उन्होंने बताया कि कई बार आवास दिलाने के नाम पर ग्राम प्रधान ने हमारे घर की फ़ोटो खिंचवाया है,और दो बार मेरे घर की जाँच भी अधिकारियों द्वारा की गई है।फिर भी हम को आवास का लाभ नही मिल पा रहा है।हम बहुत ही गरीब परिवार से है और जाति के हरिजन है।
मेहनत-मज़दूरी कर के अपने परिवार का भरण-पोषण करते है।बरसात के दिनों में छप्पर से पानी टपकता है।वही गांव के अन्य ग्रामीण शिव रतन पुत्र रामसुख,सहाई पुत्र सुन्दर,रामनाथ पुत्र साहबदीन,भूती पुत्र कचालू आदि लोग भी कंपकपाती ठंड में टूटे फूटे छप्पर पर पल्ली ड़ालकर रहने को विवस है।जिस तरफ किसी का भी ध्यान नही जा रहा है।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहाँ एक तरफ ग़रीब तबक़े के लोगो का विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थलीय निरीक्षण करवाकर रहने के लिए आवास मुहैया करा रही है।वही जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह ही नही है, या सब कुछ जान कर भी जिम्मेदार अन्जान बने बैठे हुए है।जिनके द्वारा सूबे के मुखिया का फ़रमान नजर अंदाज किया जा रहा है।इस को लेकर जब ग्राम प्रधान गोल्हीपुर जहूरा के पति लाल मोहम्मद से जानकारी करना चाहा तो उन्होंने मामले को लेकर कुछ भी बोलने से इन्कार किया।और मीडिया द्वारा ख़बर संकलन करने पर आग बबूला हो उठे।वही उक्त प्रकरण से जब खण्ड विकास अधिकारी रेहरा बाजार को अवगत कराया गया तो उन्होंने मामले की जाँच कराए जाने की बात कही है।वही उक्त प्रकरण को लेकर जब मुख्य विकास अधिकारी से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि मामला प्रकाश में आया है।जिसका भौतिक सत्यापन कराकर पात्रों को योजना का लाभ दिया जाएगा।