राहुल भारद्वाज ब्यूरो हैड
रीडर टाइम्स
दौसा,जिले की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की उपलब्धता पर अभी तक कोई स्थायी समाधान नही हो पाया है हालांकि पेयजल व्यवस्था के लिए सरकार ईसरदा बांध का निर्माण तो करवा रही है परन्तु अभी उसे बनने में वक्त लगेगा और उसके बनने के बाद जलापूर्ति करने में कई साल लगेंगे ।वर्तमान में पेयजल की कमी की पूर्ति नही हो पा रही है और जिले में पेयजल आपूर्ति के हालात बेपटरी है ।लोगो के आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए अभी से पानी की चिंता सताने लगी है ।ऐसे में दौसा जिलेवासियों को राज्य के आगामी बजट से पानी की समस्या के समाधान को लेकर काफी उम्मीदें है ।इस समस्या के तात्कालिक समाधान की आवश्यकता है|चूंकि जल्दी ही गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है और गर्मी में लोगों को पानी की अधिक आवश्यकता होती है वर्तमान में जितना पानी का उत्पादन और वितरण हो रहा है वह गर्मी में पेयजल के हालात काबू करने के लिए पर्याप्त नही है ।गर्मी में होने वाली पानी की कमी से कानून व्यवस्था खराब होने की आशंका रहती है ,आए दिन पेयजल के लिए प्रदर्शन होते है ।ऐसे में यदि राज्य के आगामी बजट में दौसा में पेयजल की व्यवस्था के समाधान के लिए अतिरिक्त बजट स्वीकृत नही होता है तो पानी के लिए त्राहि त्राहि मच सकती है ।सरकार को इस और ध्यान देने की तुरंत आवश्यकता है|
पेयजल समस्या के समाधान के यह हो सकते है विकल्प
जिला मुख्यालय पर अभी बीसलपुर बांध से जो पानी की सप्लाई की जा रही है वो ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है ।यंहा प्रतिदिन करीब सवा करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता है जबकि बांध से करीब पच्चीस लाख लीटर ही पानी ही आ रहा है और शेष 10 लाख लीटर नलकूपों और विभिन्न परियोजनाओं से उत्पादित हो रहा है ।इस प्रकार कुल लगभग 35 लाख लीटर सप्लाई किया जा रहा जल जिले के लिए अपर्याप्त है|यदि बजट में बीसलपुर बांध परियोजना से आने वाली पानी की अतिरिक्त मात्रा बढाई जाए तो जरूर हालात कुछ हद तक काबू में आ सकते है ।पानी की यह स्थिति केवल दौसा शहर की नहीं है जिले के अन्य तहसील एवं ग्रामीण इलाकों में स्थिति खराब है यहां भी इस परियोजना से पेयजल उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है|
टैंकरों के द्वारा जलापूर्ति बढ़ाकर उनकी सही ढंग से मॉनिटरिंग की जाए
जलदाय विभाग पानी की सप्लाई के लिए हर वर्ष गर्मी में दौसा, बांदीकुई, भांडारेज, बसवा आदि जगहो पर टैंकरो से पानी की सप्लाई करता है परन्तु पर्याप्त बजट के अभाव में टैंकरों की सप्लाई भी रूक जाती है इसलिए इसके लिए भी अतिरिक्त बजट की जलदाय विभाग को आवश्यकता है एवं टैंकरो से जल वितरण की पर्याप्त मॉनिटरिंग की भी आवश्यकता है ताकि किसी भी स्तर पर जल वितरण में किए जा रहे भ्रष्टाचार को रोका जा सके ।वही दूसरी ओर जिले के अन्य शहरों एवं कस्बों में टैंकरो से जल वितरण की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे जनता को राहत मिल सके।