रिपोर्ट:- संवाददाता(श्यामजी गुप्ता)
शाहाबाद:-इस संकट की घड़ी में कुछ जगह पर पुलिस का मानवीय चेहरा उजागर होता है तो दूसरी ओर कई जगह पुलिस अमानवीय व अभद्र व्यवहार करती है।पिछले चार दिन से शाहाबाद कोतवाल के द्वारा नगर के सबसे प्रतिष्ठित व सामाजिक व्यक्ति डॉ मुरारी लाल गुप्ता के साथ अभद्र व अशिष्ट भाषा में व्यवहार किया गया। एक तरफ तो सरकार मेडिकल स्टोर, निजी अस्पताल, किराना, सब्जी,दूध फल आदि की दुकानों को खोलने की परमिशन दे रही है। तो दूसरी ओर पुलिस कुछ जगहों पर बिना बताए बिना वजह पूछे लोगों के साथ अभद्र व अमानवीय व्यवहार कर रही है। जो लोग समाज में अपना अहम योगदान दे रहे हैं या अत्यधिक जरूरतमंद हैं उनके साथ अशिष्ट व्यवहार करना कहां तक जायज है। डॉ मुरारी लाल गुप्ता एक चिकित्सक होने के साथ-साथ सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी योगदान करते हैं।नगर के सभी सामाजिक संगठनों में वह बढ़-चढ़कर तन मन धन से अपना योगदान देते हैं। शाहबाद कोतवाल के इस अशिष्ट व्यवहार की घोर निंदा करते हुए लोगों ने उच्चाधिकारियों से उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हैं।
आरोप है कि हरदोई के प्रतिष्टित व सामाजिक व्यक्ति डॉ मुरारी लाल गुप्ता जी के साथ शाहाबाद पुलिस प्रशासन ने अभद्र व्यवहार किया। एक तरफ भारत सरकार निजी अस्पताल, नर्सिंग होम व मेडिकल स्टोर खोलने की अनुमति दे रही है दूसरी तरफ पुलिस भगवान का स्वरूप रखने वाले डॉक्टरों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है। जहाँ पर पुलिस को पाबन्दी लगानी चाहिए वहां पर पुलिस निष्क्रिय है। डॉ मुरारी लाल गुप्ता चिकित्सक भी हैं समाज सेवी भी हैं और सर्व वैश्य समाज उत्तर प्रदेश के संरक्षक भी हैं। वैश्य समाज के प्रभारी एवं नवीन गल्ला मंडी अध्यक्ष महेंद्र कुमार सिंह राना ने इस घटना को अशोभनीय व निंदनीय बताया।सर्व वैश्य समाज के अध्यक्ष विशाल गुप्ता, महामंत्री प्रिंस गुप्ता, उपाध्यक्ष पीयूष गुप्ता, जितेंद्र गुप्ता, सचिन गुप्ता, आदि ने पुलिस की कार्यशैली की निंदा की है।
इस बाबत जनकल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ एम एल गुप्ता ने कहा कि
पुलिस को भी इन विषम परिस्थितियों में काफी दबाब में काम करना पड़ता है। हो सकता है, इसी तनाव में उसने दुर्व्यवहार किया हो।
दूसरी ओर उद्योग व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष वेद प्रकाश फगवाड़ा के साथ भी दो दिन पूर्व शाहाबाद के शाहजहांपुर रोड पर उधरनपुर में लगे पुलिस बैरियर पर तब रोंका जब वह अपनी दवा लेने हेतु शाहजहांपुर जा रहे थे।दरोगा धर्मेन्द्र विश्नोई ने काफी देर तक बहस के बाद उन्हें जाने दिया।जब वह शाहजहांपुर से दो घंटे बाद दवा लेकर लौटे तो उन्हें पुनः रोंका गया।उन्होंने दवा व दवा के पर्चे दिखाए लेकिन फिर भी उन्हें अनावश्यक रूप से खड़ा रखा गया।जब उन्होंने दरोगा से सी ओ शाहाबाद से बात करने के लिए आग्रह किया तो वह भड़क उठा।बोला कि सी ओ उमा शंकर सिंह पिछले ढाई साल से शाहाबाद में पोस्टेड हैं।वह सबको जानते हैं।हृदय रोगी वेद प्रकाश के काफी अनुनय विनय के बाद दरोगा ने उनकी व उनके वाहन की वीडियो ग्राफी कराई।तदुपरांत ही उन्हें जाने दिया।
आम अवाम की जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार से मांग है कि पुनः दिशा निर्देश जारी करें।क्योंकि गृह मंत्रालय, भारत सरकार, राज्य सरकार के निर्देशों की पुलिस अवहेलना कर रही है।प्राइवेट डॉक्टरों को इमरजेंसी मरीजों को देखना चाहिए या नहीं