Home राज्य उत्तरप्रदेश ‘उतरौला एम्बुलेंस में छुपाकर लाया जाता है सरकारी नाज, और गरीबों के बीच राहत सामग्री का नाम देकर किया जाता है वितरण,
‘उतरौला एम्बुलेंस में छुपाकर लाया जाता है सरकारी नाज, और गरीबों के बीच राहत सामग्री का नाम देकर किया जाता है वितरण,
May 16, 2020
संवाददाता विजय पाल वर्मा
रीडर टाइम्स
बलरामपुर: जनपद के उतरौला तहसील अन्तर्गत स्थित साजिदा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ0 एहसानउल्लाह खाँन जो गरीबों को मिलने वालों राशन को राहत सामग्री का नाम देकर गरीबों में बाँट रहे है।और कोरोना योद्धा एवं उभरते समाजसेवी के रूप में लॉकडाउन एवं महामारी के दौरान खूब वाहवाही बटोर रहे है।जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।बताते चले कि देशभर में कोरोना महामारी का प्रकोप फैला हुआ है।जिस से पूरी दुनियां में हाहाकार मचा हुआ है।और इस से आम लोगो को बचाने के डॉक्टर्स दिन-रात मेहनत कर रहे है।वही उतरौला के साजिदा हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ0 एहसानउल्लाह खाँन एम्बुलेंस में सरकारी खाद्यान्न को सफेदपोश नेताओं की मिलीभगत से लाकर गरीबों में राहत सामग्री का नाम देकर बटवाँ रहे है।जो पिछले कई दिनों से चल रहा है।जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रही है।फिर भी जिम्मेदार अन्जान बने बैठे हुए है।जब गरीबो को मिलने वाला राशन गरीबो में ही बाँटा जा रहा है।तो ऐसी दिखावे की राजनीति एवं समाजसेवा किस लिए की जा रही है।इस तरफ जिम्मेदार अधिकारीयो को ध्यान दिए जाने की जरूरत है।सूत्र बताते है कि डॉ0 एहसानउल्लाह खान डॉ0 होने के साथ-साथ राजनीत भी करते है एवं सफेदपोश नेताओं से उनकी अच्छी पकड़ भी है।इस लिए उन पर कार्यवाही होने का कोई सवाल ही नही खड़ा होता है।वही शोशल मीडिया पर वायरल हो रही उक्त फ़ोटो के सम्बंध में जब डॉ0 एहसानउल्लाह खान से बात की गई तो वह कुछ भी बोलने को तैयार नही हुए। और मामले से कन्नी काटते हुए नजर आए।जब मामले से संबंधित दर किनार हो रहे तो क्या माना जाए।वही उक्त मामले को लेकर जब पूर्ति निरीक्षक ग्रीश चंद्र वर्मा से बात की गई और तो उन्होंने कहा कि वारयल हो रही फोटो में टैग सरकारी बोरे का लगा हुआ है।और एम्बुलेंस से जो बोरी डॉ0 एहसान द्वारा उतारी जा रही है वह सरकारी खाद्यान्न की बोरी है।मामला संज्ञान में आया है मेरे द्वारा जाँच कर संबंधित लोगो के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।तो ऐसे में क्या होगी कार्यवाही आगे देखना यह है कि राजनीति में ऊँची रसूक रखने के कारण कार्यवाही के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।