उत्तर प्रदेश का एक मात्र नाटक संसथान भारतेंदु नाट्य अकेडमी लखनऊ है। जहां रंगमंडल भी है। इसके अंतर्गत अकेडमी से प्रशिक्षित कलाकार संविदा पर रखे जाते हैं जो अपनी कला कौशल से हिंदी नाटक और लोक नाट्य विधा का प्रदर्शन पूरे देश में करते हैं। यह कलाकार प्रत्येक वर्ष नियुक्त किये जाते हैं। बहुत कम मान्यदेय पर साल भर सेवा देते हैं। इनका कार्यकाल जुलाई से जून तक होता है। इस वर्ष अभी तक नियुक्ति नहीं की गयी। साथ ही पिछले सत्र का मान्यदये भी बाबू गिरी की कुचक्र में फंस हुआ है।
अगर यही रवैया रहा तो प्रदेश से कला का समूल नाश होने में देर नहीं लगे गी।
मेंहदी अब्बास रिज़वी