दौसा में पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए ईसरदा बांध से पानी लाने का निर्णय, कार्य प्रगति पर

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

दौसा : जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन अधूरा है। मानव, जीव जन्तु सभी को पानी की आवश्यकता होती है। जिलें में आमजन को समय पर पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये जनस्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग द्वारा शहरी एवं ग्रामीण जलप्रदाय योजना,नलकूप योजना, हैण्ड पम्प, जनता जल योजना आदि के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा रहा है।

दौसा जिले की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिये राज्य सरकार ने ईसरदा बांध से पानी लाने दौसा जिले में एक नगरपरिषद दौसा, 3 नगर पालिकायें, महवा, लालसोट व बांदीकुई तथा 6 पंचायत समिति दौसा, लालसोट, लवाण, बांदीकुई, सिकराय एवं महवा है। दौसा जिले की वर्ष 2011 के अनुसार कुल आबादी 1634409 व्यक्ति है। जिसमें शहरी क्षेत्र की आबादी 205365 व ग्रमीण क्षेत्र की आबादी 1429044 है। जिले के दौसा, बांदीकई एवं बसवा क्षेत्र में भू-जल का अति दोहन होने कारण से डार्क जोन में आने के कारण भू-जल की उपलब्धता कम होती जा रही है। दौसा जिले में विगत वर्षो में वर्षा औसत से कम होने के कारण भू गर्भ में पानी की कमी आई है।

जिले में शहरी जलदाय योजना के अनुसार 205365 एवं वर्तमान में 282724 की आबादी के लिए 11.97 एम एल डी जल उत्पादन किया जा रहा हैं। वर्तमान में सर्विस लेबल एलपीसी डी के तहत बांदीकुई में 40, बसवा में 15, दौसा में 45, लालसोट में 70, व महवा में 70 हैं। कार्यरत नलकूप योजना के तहत 109 नल कूप संचालित है तथा 2 खुले कुओ से पानी की आपूर्ति की जा रही है, वही 815 हैण्ड पम्प व 150 सिंगल फेज नल कूपों के माध्यम से सप्लाई की जा रही हैं। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र की 231 ग्राम पंचायतों के 1079 गॉवों में 31 पाइप्ड योजना, 140 पी एण्ड टी योजना, 97 जनता जल योजना, 42 क्षेत्रीय योजना, 684 हैण्ड पम्प योजना 11089 कार्यरत हैण्ड एवं 638 नलकूपों के माध्यम से ग्रामीणों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

जिले में आमजन को समय पर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिदिन टैंकरों के माध्यम से सप्लाई की जा रही हैं। इसमें दौसा, बांदीकुई , बसवा व लालसोट में प्रतिदिन 30 टैंकरों से 239 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन करवाकर पेयजल आपूर्ति की जा रही हैं। जिले में कुल 90 उच्च जलाशयों का निर्माण करवाया गया हैं। इसमें 31 शहरी क्षेत्र में व 59 ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं। स्वच्छ जलाशयों में शहरी क्षेत्र में 18 ग्रामीण क्षेत्र में 36 व भूतल जलाशयों के तहत शहरी क्षेत्र में 18 व ग्रामीण क्षेत्र में 492 समर्पित हैं।

दौसा जिले में आर. ओ. प्लान्ट

जिले के अन्तर्गत कुल 4823 हेबीटेशन है। जिसमें भारत सरकार के आईएमआईएस पोर्टल पर 183 हेबीटेशन गुणवत्ता प्रभावित है। जिनमें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु आर ओ प्लांट,सोलर आधारित डीएफयू लगाकर शुद्वपेयजल उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा रहा है। गुणवत्ता प्रभावित हैबीटेशनों में से 115 हैबीटेशनों में 2920.34 लाख रूप्ये के आर. ओ. प्लान्ट स्वीकृत करा लिये है, इनका कार्य प्रगति पर है। 115 हेबीटेशनों पर आर ओ प्लांट की स्वीकृति के बाद 65 हेबीटेशनों पर नलकूपों का वेधन कार्य पूर्ण करा लिया है। 46 स्थानों पर प्लेटफार्म का निर्माण कर दिये गये है एवं 29 स्थानों पर आर.ओ.कनटेनर स्थापित कर आर.ओ.प्लान्ट चालू कर दिया गया है। शेष कार्य प्रगति पर है। गुणवत्ता प्रभावित हैबीटेशनों में स्वीकृत 64 में डी एफ यू मे से 20 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 15 को चालू करवा दिया गया है एवं शेष कार्य प्रगति पर है।

जिले में सोलर प्लान्ट की स्वीकृति

जिले में सोलर,सिंगल फेस के द्वारा 74 हेबीटेशनो में सोलर प्लान्ट स्वीकृत करा लिये गये है। जिनकी राशि रूपये 832.24 लाख है। जिसके कार्यादेश जारी कर सभी 10 नलकूपो का वेधन कार्य पूर्ण कर 10 सोलर प्लान्ट चालू कर दिये गये है। शेष कार्य प्रगतिरत है।
हैण्ड पम्प मरम्मत अभियान

जिले में आमजन को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये हैण्ड पम्प मरम्मत अभियान संचालित किया जा रहा है। खण्ड दौसा में 921 व खण्ड महवा में शहरी क्षेत्र में कुल 959 हैण्ड पम्प स्थापित हैं। अभियान के तहत सर्वे के दौरान शहरी क्षेत्र में 182 हैण्ड पम्प खराब पाये गये,जिनमें से 175 की मरम्मत करवा कर चालू करवा दिया गया है। इसके अलावा 107 हैण्ड पम्प सूख गये है।इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में खण्ड दौसा में 9633 व खण्ड महवा में 4249 हेण्ड पम्प स्थापित है।सर्वे के दौरान इनमें से 1435 व 213 कुल 1648 हैण्ड पम्प खराब पाये गये । इनमें से खण्ड दौसा में 1219 व महवा में 205 इहैण्ड पम्पों की मरम्मत करवा कर चालू करवा दिये गये है तथा स्थापित हैण्ड पम्पों में से दौसा में 1459 व महवा में 743 हैण्ड पम्प सूख गये है। अभियान के दौरान शिकायत मिलते ही हैण्ड पम्प मरम्मत के लिये टीम को रवाना किया जाता है।

दौसा जिले की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिये ईसरदा बांध का निर्माण

दौसा जिले में पानी की समस्या के समाधान के लिये राज्य सरकार द्वारा ईसरदा बांध बनाने का निर्णय लिया गया है। ईसरदा बांध बनाने की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति विभागीय नीति निर्धारण समिति की बैठक में राशि 530.00 करोड की स्वीकुति जारी कर बांध निर्माण का कार्य जल संसाधन विभाग के माध्यम से डिपोजिट कार्य के अन्तर्गत करवाया जा रहा है।निर्माणाधीन ईसरदा बांध से पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु कुल राशि 4058.12 करोड की योजना राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है।

जल ससांधन विभाग द्वारा बांध निर्माण हेतु रूपये 541.00 करोड़ की निविदा बांध का निर्माण कार्य 4 वर्षों में किया जाना है। जल संसाधन विभाग द्वारा परियोजना की संसोधित रिर्पोट अनुमानित लागत रूपये 1856.00 करोड़ की प्रस्तुत की गई है, इस परियोजना को चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है ताकि भूमि आवाप्ति में लगने वाली लागत को विभिन्न चरणों में विभक्त किया जा सकें। प्रथम चरण में बांध निर्माण हेतु राशि रूप. 1038.65 करोड की स्वीकृति वित विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है।परियोजना के अन्तर्गत दौसा जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों के 1081 गांव तथा 4 शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति कर लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है।इसमें लालसोट विधानसभा के 302 गांव,बांदीकुई विधानसभा के 229 गांव,महवा विधान सभा के 163 गांव,दौसा विधानसभा के 248 गांव,व सिकराय विधानसभा के 139 गांव तथा सवाई माधोपुर जिले के रास्त के 165 गांवों को इस परियोजना से लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की स्टेट लेवल स्कीम सैक्शनिंग कमेटी एसएलएसएससी द्वारा ईसरदा बांध से दौसा जिले के समस्त शहर/कस्बे एवं ग्रामों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु सर्वेक्षण कार्य एवं विस्तृत व्यवहारिक रिपोर्ट तैयार करने हेतु रूपयें 162.73 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। ईसरदा बांध पेयजल आपूर्ति हेतु बांध निर्माण एवं भण्डारण क्षमा की गणना संबंधी संभाव्यता रिपोर्ट, बाध से जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु विकसित किये जाने वाले पेयजल तंत्र की सभवता एवं विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एवं आंमत्रित की जाने वाली निविदाओं के प्रपत्र बनाने का कार्य मैसर्स वेपकोस लिमिटेड गुडगांव (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा किया जा रहा है । वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार विभिन्न चरणों में बांध का निर्माण तथा वेपकोस की रिपोर्ट के अनुसार शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल योजनाओं की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन के सम्बन्ध में निर्णय लिया जायेगा।