ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज
रीडर टाइम्स न्यूज़
• जिला कलेक्ट्रेट में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की धर्मगुरुओं के साथ आयोजित बैठक में लिया गया निर्णय
• कोरोना संक्रमण की पूर्ण रोकथाम के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति का सजग होना जरूरी है-उद्योग मंत्री
दौसा : जिले के धर्मगुरूओं ने कहा है कि दौसा जिले में राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार ही धार्मिक स्थल खोले जायेगें। जब भी राज्य सरकार द्वारा धार्मिक स्थल खोलने का निर्णय लिया जाएगा तब कोविड-19 की एडवाइजरी की पूर्ण अनुपालना करवाई जाएगी। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले में 31 जुलाई तक धार्मिक स्थलों को नही खोला जावे। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के सभी धर्म गुरुओं ने प्रदेश के उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीना,महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश,जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णिया,सीईओ जिला परिषद एल के बालोत के साथ हुई बैठक में धर्मगुरूओं ने एक स्वर में इस सम्बंध में सहमति व्यक्त की।
बैठक में उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीना ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा एवं जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुये जिले के सभी धार्मिक स्थलों को 31 जुलाई तक नही खोला जाना चाहिये। बैठक में सभी धर्मगुरूओं ने कहा कि कोरोना चुनौती का सामना करने के लिए सभी धार्मिक संस्थाएं सरकार के साथ खड़ी और अब तक भी सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को पूर्ण समर्थन दिया गया है। उन्होने कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए जिले के गांव -गांव, ढाणी- ढाणी, मोहल्ले -मोहल्ले तक लोगों में जागरूकता पैदा हो, इसके लिए सभी विभाग अपने स्तर पर जागरूकता गतिविधियां आयोजित करें। राजकीय कार्यालयों में कोरोना एडवाइजरी की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित करते हुए सभी सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों, भीड़भाड़ वाले बाजारों और अन्य स्थलों पर जागरूकता संदेशों का प्रचार प्रसार किया जाए जिससे लोगों में इस बीमारी से बचाव की जानकारी पहुंचे सके। कोरोना संक्रमण की पूर्ण रोकथाम के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति का सजग होना जरूरी है।
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पाजिटिव केस फिर से आने लगे है। कोरोना को हल्के में नही लेना चाहिये। कोरोना वायरस अब तक लाइलाज है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इस बीमारी से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में धार्मिक स्थलों को खोलने से यह महामारी जिले में अधिक फैल सकती है। ऐसे में अभी बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 31 जुलाई तक धार्मिक स्थलों को बंद ही रखा जावे। उन्होने कहा कि कोरोना जागरूकता के साथ-साथ सामान्य प्रशासनिक कामकाज सुचारू रूप से चले तथा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लाभ आम जनता को मिले इसके लिए सभी अधिकारी संवेदनशीलता से कार्य करें ।उन्होने कहा कि जिले में एक भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित ना रहे इसके लिए यदि कोई पात्र व्यक्ति या परिवार छूट गया हो तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उन्हें राशन मुहैया करवाना सुनिश्चित करें। स्कूलों में रखे पोषाहार को अभिभावकों तक वितरण करवाएं और यदि कहीं कोताही पाई जाए तो सम्बंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि जिले में मनरेगा के तहत कुछ स्थानों पर वेज रेट कम आ रही है,सभी विकास अधिकारी मजदूरी की दर बढ़ाने के लिए प्रयास करें और पखवाड़े के आधार पर गणना करते हुए व्यक्तिगत टास्क दिए जाएं। गरीब कल्याण योजना के तहत बाहर से आए मजदूरों को उनके गांव में काम दिया जाना सुनिश्चित करवाएं और कार्ययोजना बनाते हुए आधारभूत संरचनाएं बनवाने के कार्य स्वीकृत करवाये जाये।
जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने धर्मगुरूओं को राज्य सरकार को उनके मत से अवगत करवाने का विश्वास दिलाया। बैठक में सभी धर्मगुरू इस सम्बंध में पूर्ण आश्वस्त नजर आए कि अब मंदिरों में आरती, मस्जिद में अजान और गुरुद्वारे और चर्च में पूजा अर्चना हो ही रही है, अब सरकार के निर्णय के अनुसार ही धार्मिक स्थल खोले जायेगें।जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के प्रारंभ में जब धार्मिक स्थल बंद करने की बात आप लोगों के साथ की गई, उसी का परिणाम रहा कि सभी समुदाय से हमें सहयोग मिला। उसी विश्वास के साथ मैं आप सब से यह कहना चाहूंगा कि कोरोना महामारी के दौरान अभी 31 जुलाई तक धार्मिक स्थल खोला जाना जनहित में नही होगा। श्रावण माह के महिने में श्रदालुओं को समझाया जाना, भीड को नियंत्रित करना मुश्किल होगा। इस पर सभी धार्मिक गुरूओं ने 31 जुलाई तक नही खोलने पर सहमति दी है।जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिये सरकार द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया है। अभियान के दौरान प्राप्त प्रचार सामग्री के माध्यम से बेहतर तरीके से प्रचार प्रसार करने के लिए धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर चस्पा किया जाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह ने कहा कि धार्मिक स्थल खुलने की जानकारी मिलते ही श्रावण के महिने में दर्शनार्थियों की भीड पडेगी, ऐसी स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाना बहुत मुश्किल हो सकता है। उन्होने कोरोना महामारी पर नियंत्रण नही होने की स्थिति को दर्शाते हुये धार्मिक स्थलों को अभी खोला जाना ठीक नही होगा।
बैठक में धार्मिक गुरूओं ने कहा कि धार्मिक स्थल राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार ही खोले जायेगें।प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी से बचाने के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्णय की प्रशंसा करते हुये आमजन का रक्षक बताया। शहर काजी ने कहा कि सरकार और प्रशासन का हुक्म माना है। मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ी गई। अब अगर जिस दिन भी सरकार इजाजत देगी इबादत शुरू करेंगे। मस्जिद में पानी का उपयोग कम से कम किया जाएगा, इसके लिए भी लोगों को समझाएंगे। दवा से तो ठीक होंगे ही दुआएं भी अपना असर बताएगी। शहर काजी ने कहा कि जब भी सरकार का आदेश होगा, तब मास्क लगाकर मस्जिदों में नमाज पढ़ने आए तथा नमाज अदा करते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखें। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल के बालोत, एसडीएम पुष्कर मित्तल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी एम वर्मा, सहायक निदेशक रामजी लाल मीना, शंभू दयाल मीना,कैलाश मीना,जितेन्द्र तिवाडी,प्रीतिपाल सिंह,अल्ताफ सहित अन्य धर्मगुरू उपस्थित थे ।