रिपोर्ट : सैय्यद मोहम्मद शकील ,रीडर टाइम्स
लखनऊ । स्वास्थ विभाग चैन की नींद सो रहा विभागीय मंत्री सिर्फ जुमला फेक रहे है । बार- बार बारिश से जगह जगह जल भराव हो गया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग एंटी लार्वा का छिडक़ाव कराने में हीलाहवाली कर रहा है।
इधर अप्रैल माह में डेंगू का प्रकोप बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग के अफसर हलकान है . जनवरी से अब तक 30 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके है। सारे मरीज़ लखनऊ जिले के अलग-अलग अस्पतालों के है। इन सभी मरीज़ों की जाँचे सरकारी अस्पतालों में ही हुई है। सी.एम.ओ लखनऊ के यहाँ सभी का रिकॉर्ड दर्ज़ है। साल 2016 में ये आकड़ा 2772 था जबकि 2017 में 292 लोगो को डेंगू ने प्रभावित किया था . ये सरकारी आंकड़े है बल्कि मामले कही इससे ज्यादा थे।
एक तरफ जहा महापौर लखनऊ के द्वारा 26 मार्च को फॉगिंग मसीनो को झंडी दिखाकर इस अभियान में तेज़ी लाने का प्रयत्न किया गया . 32 गाडियो पर नगर निगम की मशीनो को फोगिंग के लिए भेज गया . ये सब कागजो पर ही नज़र आ रहा है सच इसके उलट है ।
अब तक 900 लीटर फोगिंग केमिकल करीब 18500 लीटर डीजल व करीब 4500 लीटर पेट्रोल खप गया लेकिन मच्छर जस के तस ।
कुल मिलकर एक दिन का खर्च 2 लाख से भी ज्यादा आ रहा है लेकिन मच्छरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है । जब विभाग से पूछा गया कि किस तरह एंटी लार्वा का छिडक़ाव होगा तो पता चला की 76 कर्मचारियो की तैनाती मौजूदा समय में थी . जिसमे से अब केवल 65 ही बचे है. अभी ठेके पे कर्मचारियों को नियुक्ति करने का काम पाइपलाइन में है . जिससे की पूरे शहर में छिड़काव हो सके ।
कही ऐसा न हो की देर हो जाये और ये महामारी की तरह पूरे शहर को अपने आगोश में ले ले। इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा . शासन , जिला प्रशासन या नगर निगम के बड़े अधिकारी।