मनुष्य के जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव के पल आते जाते रहते हैं और वो इसकी ज़िम्मेदारी किस्मत पर डाल देता है और कोसता रहता है , लेकिन सच्चाई तो सिर्फ यह है कि जिन कर्मों का भोग मनुष्य इस जीवन में कर रहा होता है , वो उसके द्वारा पूर्व के जन्मों में किये गए कर्मों का प्रतिफल है। गीता में भी कहा गया है कि निस्वार्थ भाव से कर्म करो और उसके प्रतिफल के बारे में मत सोंचो , क्यूंकि यही मनुष्य को कर्म बंधन में बाँध देता है।
पूरे विश्व में इस समय कोरोना महामारी ने सबको अपने जाल में फंसा रखा हुआ है. भारत में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और कितने ही लोगों ने इस बीमारी के चलते अपने प्राण भी गँवा दिए , लेकिन सत्य तो यह है कि मृत्यु सिर्फ उन्ही की हुई जिनकी जीवन यात्रा पूर्ण हो गयी थी । मृत्यु हमेशा बहाना लेकर आती है , दोष अपने ऊपर नहीं लेती ।
हाल ही में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी कोरोना से संक्रमित हो गए और शुरुवाती जाँच में कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिलते ही अस्पताल में भर्ती किये गए और उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है ।
आइये नज़र डालते हैं कि अमिताभ बच्चन की कुंडली किस ओर इशारा करती है ।
मेरे ज्योतिषीय विश्लेषण के अनुसार, अमिताभ बच्चन की कुंडली कुंभ लग्न की है और इस समय उनका लग्नेश शनि वक्री है, इसलिए स्वास्थ्य समस्याएं हैं ।
** श्री केएन राव के अनुसारअमिताभ बच्चन का सही चार्ट।
1982 में श्रीमती तेजी बच्चन, के.एन राव को अमिताभ बच्चन का चार्ट दिखाने गई थीं जब अमिताभ बीमार थे। के.एन राव ने भविष्यवाणी की थी कि एक महीने के बाद सूर्य का अंतर आएगा, तब एक भीषण दुर्घटना होगी जिसमें अमिताभ मौत के बेहद करीब आ जाएगा।
उन्होंने उन्हें विष्णु सहस्त्रनाम करने को कहा।
वही हुआ। कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ पुनीत इस्सर के साथ लड़ते हुए घायल हो गए और ब्रीच कैंडी अस्पताल मुंबई में एक सप्ताह के लिए मौत के करीब थे।
बाद में प्रतिकूल अवधि समाप्त होने के बाद वह बच गए ।
जब हम आगे चलकर प्रत्यंतरों को सूक्ष्म अंतरों में विभाजित करते हैं तो हम देखते हैं कि :-
19 जुलाई 2020 से 24 जुलाई 2020 तक सूर्य का सूक्ष्म अंतर है जो कि मृत्युभाग में है ।
इसलिए 19 जुलाई 2020 से 24 जुलाई 2020 तक की अवधि अभिनेता के लिए बहुत खराब है यदि वह इस कठिन दौर को पार कर लेते है तो बेहद कठिन समय पार हो जायेगा , लेकिन 11 नवंबर 2020 तक ग्रहों की स्थिति जीवित रहने के बावजूद स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल है।
एकमात्र उपाय यही है कि फिर से वे विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें ।
नोट :- यह लेखक के अपने विचार हैं ।