ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज
रीडर टाइम्स न्यूज़
महवा : न्यायालय के आदेशों के बाद भी आजकल आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा न्यायालय के आदेशों की अवमानना के मामले लगातार सामने आ रहे है। कुछ लोग कानून व्यवस्था और न्यायपालिका को ठेंगा दिखाकर अपनी मनमर्जी के फैसले लागू करवाने के लिए बाहुबल और धनबल का इस्तेमाल करते हुए आजकल देखे जा सकते है । उन्हें पुलिस व न्यायालय की कार्यवाही का भी कोई भय नहीं होता और कानून की पालना करवाने वाले ही असहाय और बेबस नजर आने लगें है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां दौसा जिले के महवा तहसील के अंतर्गत बेरखेड़ा ग्राम में पीड़ित कैलाश चंद शर्मा की कब्जाशुदा भूमि पर कुछ लोगों ने डंडे के बल पर बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास किया है जबकि उक्त भूमि पर महवा एसडीएम कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार महवा व पुलिस प्रशासन के द्वारा पीड़ित कैलाश चंद शर्मा को दिनांक 2 जुलाई को कब्जा सम्भलवाया जा चुका है ।मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि उनकी महवा के ग्राम बेरखेडा में खातेदारी भूमि जिसका खसरा नम्बर 497, 498, 499 है जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था उक्त भूमि को न्यायालय के आदेश के द्वारा तहसीलदार महवा व पुलिस प्रशासन के द्वारा उन्हें सम्भलवा दिया गया था ।
पीड़ित कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि इसके बाद उन्होंने उक्त भूमि पर ज्वार बाजरे की खेती शुरू कर दी थी इसी दौरान एक दिन रविवार दिनांक 9 अगस्त 2020 को समय 11 बजे के लगभग कैलाश चंद शर्मा के पुत्र अरविंद कुमार शर्मा के साथ ओमप्रकाश, लक्ष्मण प्रजापत व रामसहाय बैरवा निवासी बेरखेडा उक्त भूमि पर जब फसल की सुरक्षा के लिए तारबंदी करने हेतु पोल गाड़ रहे थे तब ही अचानक मीणा पट्टी झोपड़ीन निवासी कैलाश मीणा,सुबुद्धि मीणा, परसराम मीणा ,खिलाड़ी मीणा, किरोडी , बाबूलाल, महेंद्र सहित लगभग 12 लोगों ने अपनी पत्नियों के साथ उक्त भूमि पर लाठी डंडों से लैस होकर आ गए व आते ही 23-24 स्त्री पुरुषों ने पीड़ित कैलाश शर्मा के पुत्र अरविंद शर्मा पर जानलेवा हमला कर दिया इस दौरान मौके पर जब पीड़ित कैलाश शर्मा व उनके पुत्र ओमप्रकाश शर्मा व मजदूर लक्ष्मण प्रजापत व रामसहाय बैरवा ने अरविंद शर्मा को बचाने का प्रयास किया तो आरोपियों ने पीड़ित के पुत्र ओमप्रकाश,लक्ष्मण प्रजापत, रामसहाय के साथ मारपीट की । पीड़ित कैलाश ने घटना के दौरान आरोपियों द्वारा अरविंद की जेब से 35000 रुपये मारपीट कर जबरन लुटे जाने का भी आरोप लगाया है ।
उनका कहना है कि रविवार 9 अगस्त की उक्त घटना के दौरान जब उनके पुत्रों अरविंद व ओमप्रकाश के साथ आरोपियों द्वारा मारपीट की गई तब महवा थाने के एएसआई भगवानसिंह दो अन्य कॉन्स्टेबल के साथ मौके पर मौजूद थे परंतु पुलिस उनकी कोई सहायता नहीं कर पाई । पीड़ित कैलाश का कहना है कि पूर्व में भी उनके साथ उक्त आरोपियों द्वारा चोरी एवं अभद्र व्यवहार कर उक्त भूमि पर अतिक्रमण किया गया था जिनकी एफआईआर क्रमांक 332/20 व 439/20 थाना महवा में दर्ज करवाई जा चुकी है। कैलाश चंद शर्मा का कहना है कि रविवार के घटना के बाद उनके ऊपर आरोपियों द्वारा एस.सी/एस.टी एक्ट में झूठा मुकदमा भी दायर किया गया है जिसकी जांच सीओ महवा द्वारा की जा रही है।उक्त घटनाक्रम में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित कैलाश की जमीन पर आरोपियों द्वारा ख़ुद का वर्षो पुराना कब्जा बताया जा रहा है परन्तु वे आरोपी महवा उपखण्ड मजिस्ट्रेट के समक्ष पूर्व में उक्त प्रकरण की सुनवाई के दौरान भूमि पर उनके कब्जे कोई गवाह या प्रमाण उपलब्ध नही करा पाए थे जबकि भूमि का नामांतरण कैलाश चंद शर्मा के पक्ष में खुलना बताया गया जिसके बाद दिनांक 28 जनवरी 2019 को न्यायालय उपखण्ड मजिस्ट्रेट महवा ने कैलाश चंद शर्मा के पक्ष में भूमि का कब्जा सौपे जाने का निर्णय सुनाया था उसके बाद न्यायालय के आदेश पर ही कार्यवाही करते हुए दिनाँक 2 जुलाई तहसीलदार महवा व स्थानीय पुलिस प्रशासन ने कैलाश चंद शर्मा को कब्जा सम्भलवा दिया जिसके बाद भी आरोपियों द्वारा पीड़ित कैलाश चंद शर्मा के साथ मारपीट कर भूमि पर कब्जा करने का प्रयास न्यायालय के निर्देशो की अवमानना है
परंतु उक्त घटनाक्रम मे स्थानीय पुलिस प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है व पुलिस मूकदर्शक रहकर बेबस नजर आ रही है जिसके कारण पीड़ित कैलाश के साथ भविष्य में किसी अनहोनी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।इस बारे में जब रीडर टाइम्स प्रतिनिधि द्वारा महवा थानाधिकारी से बातचीत कर जानकारी लेंने का प्रयास किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया वहीं जांच अधिकारी सीओ शंकरलाल का कहना है कि मामले में अनुसंधान किया जा रहा है जल्द ही उचित कार्यवाही की जाएगी ।