भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सहयोगी और पंजाब के प्रमुख राजनीतिक दल शिरोमणि अकाली दल ने भी इस पर नाराजगी जताई है। अमृतसर में पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि किसान संगठनों को खालिस्तानियों और राजनीतिक दलों की संज्ञा देकर आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे बयान देने वाले मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अगर कोई केंद्र से असहमत है तो वे उन्हें देशद्रोही कहते हैं। हम केंद्र के इस रवैये और ऐसे बयानों की निंदा करते हैं। केंद्र किसानों की बात सुनने के बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। जब किसान कृषि कानून नहीं चाहते तो केंद्र क्यों नहीं मान रहा। मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध है कि वे किसानों की बात सुनें। अमृतसर में सुखबीर बादल ने आशंका जताई कि किसान आंदोलन के नाम पर प्रदेश की भाईचारक सांझ को तोड़ने की साजिश शुरू हो चुकी है। शिअद इस साजिश को सफल नहीं होने देगा। सुखबीर बादल शनिवार को श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने पहुंचे थे। इस दौरान सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की कि किसानों के आंदोलन पर उनकी केंद्रीय मंत्रियों के साथ क्या बातचीत हुई, उसे वह सार्वजनिक करें। भविष्य में यदि केंद्रीय मंत्रियों ने कैप्टन के साथ हुई बातचीत को सार्वजनिक कर दिया तो अमरिंदर सिंह एक दिन भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ सकेंगे। शिरोमणि अकाली दल के स्थापना दिवस के अवसर पर श्री अखंड पाठ साहिब का शुभारंभ करवाने के लिए श्री हरमंदिर साहिब आए सुखबीर बादल ने जोड़ा घर में श्रद्धालुओं के बूट में पॉलिश की। उनके साथ डॉ. दलजीत सिंह चीमा और अन्य अकाली नेता मौजूद थे। इसके बाद सुखबीर बादल श्री गुरु रामदास लंगर हॉल गए, जहां उन्होंने बर्तन मांजने की सेवा की।