कमलेश मिश्रा बन रहे युवाओं के प्रेरणा स्रोत
Dec 14, 2020
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1- तकनीकी खेती सीखने दूर-दूर से आते हैं युवा
2- नई तकनीक से गाजर और तरबूज की खेती से कमा रहे हैं लाखों का मुनाफा
लखनऊ : प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सीमावर्ती जिले सीतापुर के महमूदाबाद तहसील के दहला गांव के कमलेश मिश्रा इस समय देश प्रदेश के युवाओं के लिए नई प्रेरणा बनकर उभरे हैं l उन्होंने परंपरागत खेती में नई तकनीक का समावेश कर लोगों को अचंभित कर दिया है l अपनी इस नई तकनीक से न सिर्फ वह स्वयं लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि निराश युवाओं के जीवन में कृषि के प्रति एक नई उम्मीद भी जगा रहे हैं l
आजकल के मौजूदा दौर में खेती को घाटे का सौदा मानने वालों के लिए कमलेश मिश्रा किसी वरदान से कम नहीं है l उन्होंने परंपरागत खेती में ही कुछ नए प्रयोगों की सहायता से घाटे वाली खेती को मुनाफे वाली खेती में तब्दील कर दिया है l प्रयोगवादी कमलेश मिश्रा ने जब आरामदायक शहरी जीवन को त्याग कर गांव का रुख किया और परंपरागत खेती में नए प्रयोग शुरू किए तो कुछ अलग सा होता देख शुरुआत में गांव वालों ने इनका खूब मजाक बनाया लेकिन आज कमलेश मिश्रा के अनुभवों से सीखने के लिए दूर-दूर से युवा इनके पास खिंचे चले आते हैं l दुर्लभ प्रजाति के काले गेहूं के बारे में अभी तक बहुत से लोग जानते भी नहीं है वही कमलेश मिश्रा ने इसे अपने ही गांव में उगा कर लोगों को अचरज में डाल दिया है l साथ ही विदेशों से जैसे ताइवान और जापान जैसे देशों से तरबूज और गाजर के बीज मंगा कर जब इन्होंने फसल प्राप्त की तो लोगों के मुंह बस खुले के खुले रह गएl उन्नत बीजों से बंपर पैदावार करके इन्होंने लाखों का मुनाफा कमाया आज हर कोई उनसे खेती के हुनर सीखना चाहता है l इंसान के साथ जानवरों का भी ख्याल करके इन्होंने नेपियर घास लगाकर जानवरों के लिए चारे की समस्या को जड़ से मिटाने के लिए एक नया रास्ता दिखाने का भी काम किया है l इन बुजुर्ग किसान का इरादा अब अपने उत्पादों को विदेशों तक पहुंचाने का है जिसके लिए वह अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने में जुटे हुए है l उनका मानना है कि खेती में अपार संभावनाएं हैं और यदि देश का युवा नई तकनीक के साथ खेती में आए तो एक तरफ जहां बेरोजगारी कम होगी वहीं दूसरी तरफ खेती को एक नया आयाम भी मिल सकेगा l आज देश की 70% आबादी कृषि पर निर्भर होने के बावजूद हम लोग आज भी कृषि उत्पादों में बहुत पिछड़े हुए हैं यदि कृषि में नए प्रयोग किए जाएं तो खुद की तकदीर के साथ देश का भविष्य भी बदल जाएगा l