भावनात्मक मजबूती के लिए शांत भाव से मनन करने का करे अभ्यास

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

भावनात्मक मजबूती के लिए शांत भाव से इन विचारों पर मनन करने का अभ्यास करें। शांति से बैठकर, अपने जीवन की यात्रा को देखना है। तो उद्देश्य और उपलब्धियां तय किए जाने वाले रास्ते पर मेरी यात्रा है। और मैं इस यात्रा के दौरान अपने आपको देखता हूं। एक बदली हुई सोच व चेतना के साथ आगे बढ़ता हुआ यात्री। प्रसन्नता किसी मंजिल पर जाकर नहीं मिलती। प्रसन्नता इस यात्रा के दौरान मेरे मन की अवस्था है। मैं प्रसन्न हूं, शांत और पूरी तरह से नियंत्रण में हूं। इस यात्रा के दौरान पूरी तरह से मजबूत बना रहता हूं। राह में अनेक बाधाएं हैं, पर मेरी पहली जिम्मेदारी बनती है कि मैं अपनी अवस्था का खयाल रखूं। अपनी प्रतिक्रिया पर ध्यान दूं, यह मेरा दायित्व है।

आप जितना सोचते हैं , उससे ज्यादा बेहतर हैं

विम हॉफ एक महान डच एथलीट हैं। और वे जमा देने वाले तापमान में अपनी बेहतरीन प्रतिभा व जज्बे को दर्शाने के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। उन्होंने बर्फ के भीतर तैराकी और लंबे समय तक बर्फ के संग रहकर गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया है। नंगे पांव बर्फ पर मैराथन का भी रिकॉर्ड कायम किया है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में ऐसी गतिविधियां आपको चौंका रही होंगी, पर यही तो है इंसानी जज्बे और दिमाग का कमाल, जिसकी कोई सीमा नहीं। कुछ भी संभव है।

आइए, विम हॉफ के कुछ कथनों पर गौर करें जो इंसान की इसी करिश्माई ताकत का राज खोलते हैं 

: – ताकत हमारे भीतर है, हम अपनी इसी अंदरूनी ताकत की बदौलत दुनिया की किसी भी मुश्किल से बाहर आ सकते हैं।
: –  यदि आप अपने दिमाग यानी खुद को नियंत्रित करना जान गए, तो आपमें आत्मविश्वास भी आएगा, जीत भी आपकी होगी।
: –  यदि आप जान गए कि अपने दिमाग का कैसे उपयोग करना है तो आप वह कर सकते हैं, जिसके बारे में दुनिया कहती है- यह संभव नहीं।
: –  जब तक आप नई चीजों को आजमाने या नया अनुभव प्राप्त करने के इच्छुक नहीं होंगे, अपनी क्षमता या प्रतिभा को पूरी तरह नहीं जान पाएंगे।
: –  दिनचर्या को एकरसता से बचाएं और काम का नया तरीका तलाशें।
: –  आपको लगता है कि मेरी सीमा इतनी ही है तो आप उससे भी अधिक क्षमतावान हैं। यही मेरी सोचने की प्रक्रिया है और इसी को मैं मकसद बनाकर आगे बढ़ता जाता हूं।
: –  मैं मरने से नहीं डरता हूं। बस मुझे इसकी चिंता है कि एक अच्छा जीवन कैसे जी लूं।