डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
नए श्रम कानूनों को लेकर एक बार फिर श्रम मंत्रालय, उद्योगजगत के प्रतिनिधि और लेबर यूनियन से जुड़े लोगों के बीच चर्चा चल रही है। नए श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों के काम के घंटे , सालाना छुट्टियों , पेंशन , पीएफ, टेक होम सैलरी , रिटायरमेंट आदि के नियमों में बदलाव में होने हैं। यह नये नियम 1 अप्रैल से लागू होने के संभवना है। नए नियमों के तहत कर्मचारियों की अर्जित अवकाश की सीमा और संख्या पर भी अहम फैसला होना बाकी है।
:- अवकाश की सीमा बढ़ाने की मांग
मिली जानकारी के मुताबिक को मिली लेबर यूनियनों की तरफ से उठाई गई पीएफ और अर्जित अवकाश की सीमा बढ़ाने की मांग पर भी फैसला होना है। यूनियन से जुड़े लोग चाहते हैं अर्जित अवकाश की सीमा 240 से बढ़ाकर 300 दिन कर दी जाए। सरकार से भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों , बीड़ी श्रमिकों , पत्रकारों और श्रव्य दृश्य श्रमिकों के साथ साथ सिनेमा क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए अलग नियम बनाए जाने की मांग की गई है।
:- ईपीएफ के बदलेंगे नियम
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के समरूप कर्मचारी भविष्य निधि योजना यानी ईपीएफ के तहत पात्रता मानदंड 15,000 रुपये मासिक वेतन से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जाए।
:- 1 अप्रैल से लागू होने है नए श्रम कानून
संसद से श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून सितंबर 2020 में पास हुए थे। अब केंद्र सरकार की कोशिश है कि इन्हें इस साल अप्रैल से पहले यानि मौजूदा वित्तवर्ष में ही लागू कर दिया जाए। केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी हितधारकों के साथ बैठक की गई जिसका कई लेबर यूनियनों की तरफ से बहिष्कार भी किया गया है। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक कानूनों पर अंतिम दौर की चर्चा चल रही है। सभी मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है और इसके बाद जल्द ही नियमों को नोटिफाई कर दिया जाएगा।