रीडर टाइम्स संवाददाता
अमित शुक्ला
* मामला ग्राम -जमुनिया रना , विकासखंड – पसगवां, तहसील- मितौली, जिला लखीमपुर खीरी का है.
* प्रधान और पंचायत मित्र ने रिश्वत लेकर कालोनियों का आवंटन किया.
* गरीबों को नहीं मिल रहा राशन और जॉब कार्ड.
अंधेर नगरी , चौपट राजा . आपने यह कहावत तो सुनी होगी, लेकिन आज के समय में इस कहावत को सार्थक करने के लिए कई ज़िम्मेदार पूरे जोर शोर से लगे हुए हैं . सरकार जनता के लिए तमाम योजनाएं ले कर आती है ताकि आम जन मानस को इसका लाभ मिल सके, लेकिन जनता के द्वारा चुने गए कुछ लोग गरीबों का पेट काटकर अपना पेट भरने में लगे हुए हैं.
मामला जिला लखीमपुर खीरी ग्राम -जमुनिया रना, विकासखंड – पसगवां, तहसील- मितौली का है , जहाँ के निवासी अशोक कुमार ने गांव के पूर्व प्रधान लालाराम और पंचायत मित्र राम लखन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि दोनों की मिलीभगत के चलते पिछले पांच सालों से उसे राशन नहीं मिला. अशोक कुमार बताते हैं कि उनके परिवार में 6 बच्चे और पति -पत्नी मिलाकर 8 सदस्य हैं. पिछले 5 सालों में वो जितनी भी बार कोटे पर गए तो उनसे कहा गया कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है, प्रधान से मिलकर अपना काम करवाएं . उन्होंने प्रधान और पंचायत मित्र के पास सैकड़ों चक्कर काटे पर दोनों ने उनकी एक न सुनी.
अशोक कुमार का कहना है उनके पास आवास भी नहीं है , जिसके चलते उन्होंने प्रधान से कालोनी देने के लिए भी कहा तो प्रधान और पंचायत मित्र ने कहा कि 20 हज़ार रूपये लगेगें, अशोक कुमार ने पैसे उधार मांग कर दिए , पर उसके बाद भी उनको न तो कालोनी मिली और न राशन . आगे अशोक कुमार कहते हैं कि पिछले 1 साल से ज़्यादा समय से उनके पास कोई रोज़गार भी नहीं है . जब अशोक ने प्रधान और पंचायत मित्र से जॉब कार्ड बनवाने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि तुम हमारी विरोधी पक्ष के हो, तुमने हमको वोट नहीं दिया था, इसलिए हम तुम्हारा कोई काम नहीं करेंगें.
इन सभी समस्याओं को लेकर अशोक कुमार ने जिलाधिकारी से लेकर तमाम अधिकारीयों को एप्लीकेशन लिखी, लेकिन कभी कोई सुनवाई नहीं हुई. अशोक कहते हैं कि इस कोरोना काल में 6 बच्चों को पालना आसान नहीं है. 2 वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं होती है .अगर यही हालत रही तो आगे जीना मुश्किल हो जायेगा.
गांव का हैंडपंप पिछले बहुत समय से खराब पड़ा है , जिसके चलते गांव के लोगों को पीने का साफ़ पानी भी नहीं मिल पाता है. पंप को ठीक करवाने के लिए प्रधान और पंचायत मित्र से गांववालों ने सैकड़ों बार कहा, पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी .
ये कहानी गांव के एक अशोक कुमार की नहीं है, जब रीडर टाइम्स के संवाददाता अमित शुक्ला ने गांव में पड़ताल करी तो पाया कि गांव के बहुत परिवार प्रधान और पंचायत मित्र की मिलीभगत के मारे हुए हैं. गांव वालों का यहाँ तक कहना है कि पंचायत मित्र की ऊपर तक पहुँच है, अगर कोई ऊपर शिकायत लेकर भी जाता है, तो भी अधिकारी उस पर कार्यवाही नहीं करते हैं.
अब देखना यह है कि योगी जिस राम राज्य की बात करते हैं उसमें जंगलराज कैसे चल रहा है और सरकारी धन में 5 साल से सेंध लगा रहे प्रधान और पंचायत मित्र के खिलाफ ज़िम्मेदार अधिकारी कब कार्यवाही करते हैं.