विचार – राजपाल कश्यप
सदस्य विधान परिषद्
उत्तर प्रदेश की योगी जी की सरकार बताए कि एक वर्ष में कर्मचारियों का डी.ए रोककर विधायकों की विधायक निधि रोककर सीएम केयर फंड में अरबों का फंड लेकर आपने कितनी सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाए हैं और कितनी ऑक्सीजन सप्लाई वाले बेड उपलब्ध करवाए हैं। योगी जी की सरकार उन अस्पतालों को भी नहीं चालू कर पाई जो पूर्वर्ती श्री अखिलेश यादव जी की सरकार ने बनवाए थे।
कोविड-19 आज पूरे देश और विशेषकर उत्तर प्रदेश में अपना तांडव कर रहा है। जिससे जनता में अफरा-तफरी और भय का माहौल बना हुआ है। शमशानों में जलती चिताएं और कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक हो रहे लोग मात्र वायरस की भीषणता नहीं बता रहे बल्कि यह व्यवस्था की पोल भी खोल रहे हैं । चित्कार करते स्त्री पुरुष व बच्चे, ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ाते परिजन दवाओं और जीवन रक्षक उपकरणों से लेकर अस्पताल के बेड तक के लिए कई गुना दाम चुकाते उत्तर प्रदेश की मजबूर लोग यही बता रहे और पूछ रहे हैं कि सरकार कहां है? और प्रशासन क्या कर रहा है?
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार तानाशाही रवैया, समस्या को नकारने की मानसिकता से उबारना नहीं चाहती। किसी भी समस्या के समाधान के लिए पहले यही स्वीकार करना होता है कि समस्या है। फिर उन समस्याओं के स्वरूप और कारण को खोजना होता है। मुख्यमंत्री योगी जी की वर्तमान सरकार समस्या को लेकर डिनायल मोड में है। यह मानती ही नहीं कितने लोग मर रहे हैं, और कालाबाजारी हो रही है, ना तो ऑक्सीजन ,ना ही बेड और ना ही दवाएं मिल पा रही है। रोज नया आदेश और नए फोन नंबर आ जाते हैं जो कि किसी काम के नहीं होते ।
माननीय हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए कहा था तो माननीय हाईकोर्ट ने ही लाइन लगाने को भी कहा था ।मीठा मीठा गप्प कड़वा कड़वा थू ।
अपनी सुविधा अनुसार आपने माननीय उच्च न्यायालय की बात मानी पंचायत चुनाव में चुनाव करा रहे अनगिनत कर्मियों की जान ले ली। आपने आदेश निकाल दिया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। पालन हो रहा है या नहीं यह देखना जरूरी नहीं समझा। कर्मचारियों से डंडे के जोर पर चुनाव कराए गए।
पंचायत चुनाव के बाद कोविड-19 गांव गांव में फैल गया कागजों में टेस्ट ट्रैक ट्रीट है। वास्तव में कुछ नहीं बंद कमरे में पहले टीम इलेवन अब टीम नाइन की बैठकों से सरकार चल रही है। आपके लिए कहा जा सकता है कि” जहांपना की हुकूमत दिल्ली से पालन तक चलती है”।
यह डबल म्युटेंट स्ट्रेन आएगा इसकी चेतावनी पिछले वर्ष ही एक्सपर्ट दे चुके थे। जब ब्रिटेन में यह फैला था ।उत्तर प्रदेश की योगी जी की सरकार बताए कि एक वर्ष में कर्मचारियों का डी.ए रोककर विधायकों की विधायक निधि रोककर सीएम केयर फंड में अरबों का फंड लेकर आपने कितनी सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाए हैं और कितनी ऑक्सीजन सप्लाई वाले बेड उपलब्ध करवाए हैं। योगी जी की सरकार उन अस्पतालों को भी नहीं चालू कर पाई जो पूर्वर्ती श्री अखिलेश यादव जी की सरकार ने बनवाए थे।
आपकी दृष्टि में सरकारी कर्मचारी, व्यापारी, किसान एवं बेरोजगार युवा सब कर्तव्यनिष्ठ नहीं है। आपको छोड़कर कोई योग्य नहीं है। आपने ही तो कहा था कि प्रदेश में पद बहुत खाली है परंतु योग्य शिक्षक नहीं जो परीक्षा पास कर सकें ।रोजगार आप देना नहीं चाहते। युवाओं ने ताली खाली न पीटी होती तो जो रोजगार देते भी उसमें पहले चार साल संविदा पर रखते।
योगी जी की सरकार को अपनी नियति व नीति दोनों को सुधारना होगा। यदि स्वयं को कोई बात समझ में नहीं आती है तो विपक्ष से पूछ ले। हमने संसदीय व्यवस्था यूनाइटेड किंगडम से ली है वहां पर विपक्ष को गरिमामई विपक्ष कहकर सम्मान दिया जाता है। विशेष अवसरों पर राय भी ली जाती है। पंचायत चुनाव में जनता ने योगी जी की सरकार को दिखा दिया कि आप की नीति और नियत दोनों स्पष्ट नहीं है। यह आपदा का समय है योगी जी की सरकार को उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता से अपनी गलती मान लेनी चाहिए कि हमने इस आपदा से निपटने की कोई ठोस तैयारी नहीं की है। अपनी गलती मानने से कोई छोटा नहीं हो जाता बल्कि उसमें सुधार का प्रयास करता है। वस्तुस्थिति क्या है यह जानने के लिए फील्ड में स्वयं उतरिए और यदि आप प्रोटोकॉल अधिकारियों के कारण नहीं जान पा रहे हैं तो हमसे पूछिए। हम आपको बताएंगे कि सच्चाई क्या है। योगी जी को समझना होगा कि उत्तर प्रदेश का मतलब बस लखनऊ और गोरखपुर नहीं है। यदि आप प्रचार करने पश्चिम बंगाल तक जा सकते हैं। तब आप अपने प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक तक जाइए। पश्चिम बंगाल मे आपकी पार्टी की पराजय के पीछे आपकी उत्तर प्रदेश की चल रही सरकार की कार्यपद्धति भी उत्तरदायी है। पश्चिम बंगाल की प्रबुद्ध जनता ने समझ लिया कि यदि आप लोगों को सरकार में बैठा दिया गया तो जो हालात आपने उत्तर प्रदेश के आज बना दिए हैं वही हालात वहां भी बना देंगे। आत्ममंथन कीजिए।
यद्यपि योगी जी की सरकार 2022 में लौट कर नहीं आएगी। फिर भी यह जो 8 महीने बचे हैं उसमें योगी जी की सरकार को लोगों की जान बचाने का प्रयास करना चाहिए। नहीं तो योगी जी की सरकार राज धर्म का पालन न करने के कारण पाप का भागीदार मानी जाएगी।