अवैध बिजली चोरी का हुआ भंडाफोड़
Jun 04, 2021
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1 – 50 झुग्गियों में अवैध कनेक्शन बांटकर दी जा रही थी सप्लाई
2 – समाज सेवी संगठन द्वारा आवाज उठाने के बाद अधिकारियों में मचा हड़कंप
लखनऊ : राजधानी के फैजुल्लागंज अंतर्गत पावर हाउस से लगातार श्याम विहार कॉलोनी स्थित प्रजापति टावर के पास अधिकारियों की मिलीभगत से 50 झुग्गियों में अवैध रूप से बिजली चलाई जा रही थी। जिसको लेकर बाल महिला सेवा संगठन आगे आकर आवाज उठाई। वही एक तरफ एसडीओ और जेई के पावर हाउस पहुंचकर पुतला फूंकने की बात कही। जिसके बाद आनन-फानन में पावर हाउस के अधिकारियों ने कार्यवाही करने कही, जिसको लेकर बिजली चोरों पर अपनी चोरी छुपाने को लेकर ठीकरा फोड़ डाला। वहीं बिजली चोर मालिक पर कार्यवाही दबे पांव कर डाला जिससे बिजली विभाग के अधिकारियों का पोल ना खुल सके। जहां एक तरफ सरकार द्वारा घर घर बिजली पहुंचाए जाने का योजनाएं चला रही है । वही इन योजनाओं में जिम्मेदार अधिकारी अपने कारनामे को अंजाम देने से से बाज नहीं आ रहे हैं।
ताजा मामला राजधानी लखनऊ के फैजुल्लागंज अंतर्गत श्याम विहार कॉलोनी में अवैध रूप से लंबे समय से 50 झुग्गियों में बिजली चलाई जा रही थी। यह बिजली चोरी दिनेश कुमार प्रजापति भूमिस्वामी द्वारा अपने जमीन पर 50 झुग्गियों को बसाया है । जो अपने नाम पर 2 किलो वाट का बिजली कनेक्शन लेकर 50 झुग्गियों में बिजली दे रहा था। जिसको लेकर स्थानीय सामाजिक सेवा संगठन ममता त्रिपाठी द्वारा आवाज उठाई गई इसको लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा दिनेश कुमार प्रजापति पर बिजली चोरी की अनियमितता को लेकर मुकदमा दर्ज करा दिया।
समाजसेवी ममता त्रिपाठी ने बताया कि फैजुल्लागंज क्षेत्र में रसूखदार व राजनीतिक लोग अवैध तरीके से झुग्गियां बसाकर लेसा सीतापुर रोड के अधिकारियों की मिलीभगत से बिजली चोरी करवा रहे हैं। इस संबंध में बाल महिला सेवा संगठन के द्वारा लखनऊ उत्तर के विधायक डॉक्टर नीरज बोरा व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शिकायत की गई है। प्रकरण की जांच करा कर लेसा सीतापुर रोड के उच्च अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की मांग करती हैं।इतनी बड़ी चोरी बिना उच्च अधिकारियों के मिलीभगत के संभव नहीं है, इस संबंध में बाल महिला सेवा संगठन के द्वारा नगर आयुक्त को पत्र लिखकर अवैध झुग्गियों के भूखंड मालिकों की जांच करा कर इन सभी भूखंडों पर व्यवसायिक संपत्ति कर लगाए जाने की मांग की गई है।