भारत में बढ़ रहे खतरनाक डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट के मामले, महाराष्‍ट्र समेत इन राज्‍यों में अलर्ट


डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
जहां पूरा विश्व केवल की समस्या से झुझता आ रहा हैं और अभी भी झूझ रहा हैं। क्योकि मुसीबते बता कर नहीं आती और आती हैं तो फिर जाने का नाम नहीं लेती हैं। वैसे भी पुरे विश्व में कोरोना का आतंक तो हर व्यक्ति झेल ही गया हैं। हर किसी कमर तोड़ कर रख दी हैं। इस कोरोना ने , जोकि अभी इसका कोई अंत नहीं हुआ हैं। वही दूसरी ओर भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले भी बढ़ते जा रहा हैं। अभी कोरोना का इलाज खत्म नहीं हुआ दूसरी ओर डेल्टा प्लस वैरिएंट का इलाज शुरू हो रहा हैं।

देश अभी कोरोना वायरस संक्रमण के डेल्‍टा वैरिएंट से आई दूसरी लहर से उबर ही रहा है कि “डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट” ने फिर चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, अभी देशभर में डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट के बेहद कम मामले सामने आए हैं, लेकिन इसके बावजूद स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय सर्तक है। महाराष्‍ट्र समेत कई राज्‍यों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। ज्य़ादातर मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के हैं। ये अभी भी वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट है।

बता दें कि डेल्टा प्लस’, डेल्टा वैरिएंट का विकसित रूप है। डेल्टा वैरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरस की गिरफ्त में आए ज़्यादातर लोग इसी वैरिएंट के शिकार हुए थे। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डेल्टा वैरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस बन गया है।

अमेरिका-ब्रिटेन में डेल्‍टा वैरियंए से बढ़ी चिंता :- व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक स्वरूप डेल्टा , कोविड-19 महामारी का सफाया करने के अमेरिका के प्रयासों में मुश्किल खड़ी कर सकता है। फाउची ने कहा कि अमेरिका में सामने आने वाले कोविड-19 के नए मामलों में से 20 फीसदी से अधिक में संक्रमण की वजह डेल्टा स्वरूप है। दो हफ्ते पहले तक नए मामलों में से दस फीसदी में यह स्वरूप पाया गया था। वहीं ब्रिटेन में डेल्‍टा वैरियंट पूरी तरह से हावी हो चुका है और यहां सबसे पहले सामने आए अल्फा स्वरूप के मुकाबले अधिक फैल चुका है। यहां 90 फीसदी से अधिक नए मामलों की वजह डेल्टा स्वरूप है। इसने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।