भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग वुहान शहर में अनौपचारिक वार्ता करेंगे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए चीन के वुहान शहर पहुंच चुके हैं। नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली दो दिवसीय अनौपचारिक बैठक के बाद अपने तनावपूर्ण संबंध को फिर से व्यस्थित करने के लिए तैयार हैं| एशियाई के दोनों बड़े देश 1962 में युद्ध के मैदान में एक-दूसरे से टकरा चुके हैं| और दोनों देशों के बीच आपसी असहमति का रिश्ता रहा है. वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद ने दोनों देशों के संबंधों को फिर से निचले स्तर पर पहुंचा दिया था|
इस मुलाकात का ना तो कोई लिखित ब्यौरा होगा और ना ही उनके साथ सहयोगी होगा। सिवाय एक भारतीय राजनयिक मधुसूदन के। मधुसूदन बीजिंग में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (राजनीतिक) के रूप में कार्यक्रत हैं। इस मुलाकात में वो अनुवादक ( interpreter) के रूप में पीएम के साथ मौजूद रहेंगे। मधुसूदन को अनुवाद के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि वो हिंदी, अंग्रेजी और मंदारिन, तीनों ही भाषा अच्छे से जानते हैं। मधुसूदन के लिए पीएम मोदी का अनुवाद बनना एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इस दौरान उनसे किसी गलती की उम्मीद नहीं की जा सकती।
बैठक के लिए हालांकि कोई औपचारिक एजेंडा नहीं है और दोनों नेता बातचीत के दौरान विवादस्पद मुद्दों जैसे सीमा विवाद संबंधी संयुक्त बयान भी जारी नहीं करेंगे| चीनी सरकार के एक-एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि शी भारत को किस तरह का महत्व दे रहे हैं| यह पहली बार है कि वह किसी विदेशी नेता के साथ इस तरह की बैठक कर रहे हैं|वे लोग सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत करेंगे|