Home अद्धयात्म इस धर्म में क्या है शवों के अंतिम संस्कार का तरीका? मामला पंहुचा सुप्रीम कोर्ट
इस धर्म में क्या है शवों के अंतिम संस्कार का तरीका? मामला पंहुचा सुप्रीम कोर्ट
Jan 18, 2022
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हर धर्म-संप्रदाय में शादी-ब्याह से लेकर अंतिम संस्कार तक के अपने तौर तरीके और रस्मो-रिवाज होते हैं. जैसे हिंदू और सिख धर्म के अनुयायी शव का दाह संस्कार करते हैं लेकिन मुस्लिम और ईसाई शव को दफनाते हैं. किन्नरों के भी अंतिम संस्कार करने का अपना खास तरीका है. वैसे ही पारसी धर्म के लोग एक बेहद खास तरीके से अंतिम संस्कार करते हैं.जोकि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने पारसी धर्म के इस खास तरीके पर आपत्ति उठाई है और ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
क्या कहा है सरकार ने?
केंद्र सरकार ने इस मामले में कहा है कि कोविड रोगी की मृत्यु होने पर उसका अंतिम संस्कार सही तरीके से करना जरूरी है, ताकि उससे संक्रमण न फैले. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जन स्वास्थ्य प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए अंतिम संस्कार के (प्रोटोकॉल) में बदलाव करने पर फिर से विचार करने के लिए याचिकाकर्ताओं और पारसी धर्म के गणमान्य लोगों के साथ बैठ की जाए. ताकि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी असर न पड़े.
“बता दें कि दुनिया में पारसी धर्म के अनुयायियों की कुल आबादी 1 लाख के करीब है, जिसमें से 60 हजार से ज्यादा पारसी केवल मुंबई में रहते हैं. यहां पर साइलेंस ऑफ टॉवर है।”
पारसी धर्म में “टावर ऑफ साइलेंस” में अंतिम संस्कार किया जाता है. यह एक खास गोलाकार जगह होती है जिसकी चोटी पर शवों को रखकर छोड़ दिया जाता है और आसमान के हवाले कर दिया जाता है. फिर गिद्ध उस शव का सेवन करते हैं. अंतिम संस्कार की यह परंपरा पारसी धर्म में 3 हजार साल से ज्यादा पुरानी है और पारसी लोग कोविड काल में भी इसी परंपरा के जरिए अंतिम संस्कार करना चाहते हैं।