प.बंगाल पंचायत चुनाव में दखल से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

S.C

दिल्ली : पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भाजपा को सोमवार को बड़ा झटका मिला है । जब कोर्ट ने पंचायत चुनाव में अपने हस्ताक्षेप से इंकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने चुनाव के लिए होने वाले नामांकन की तिथि भी नही बढ़ाई। हालांकि कोर्ट ने कहा कि वे अपनी समस्या लेकर राज्य चुनाव आयोग के पास जा सकते हैं। राज्य भाजपा ने नामांकन न भरने देने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से दख़ल देने को कहा था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग का आचरण ऐसा ही होना चाहिए जिससे वह निष्पक्ष दिखे , वह संवैधानिक दायित्वों को निभाने में विफल रहा है। कोर्ट ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने आवश्यक स्पष्टीकरण के बगैर पंचायत चुनावों को तीन चरणों की बजाय एक चरण में कराने का फैसला किया, जिससे संदेह उत्पन्न होता है।

ये है पूरा मामला  

राज्य में पहले एक, तीन व पांच मई को तीन चरणों में चुनाव होने थे, लेकिन नामांकन प्रक्रिया के दौरान तृणमूल कार्यकर्ताओं की ओर से कथित रूप से बड़े पैमाने पर हिंसा के आरोप में विपक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट की शरण ली। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए वोट तो इस महीने की 14 तारीख़ को पड़ेंगे। विपक्षी पार्टी बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने और विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने का आरोप लगाया है।

वकील ऐश्वर्या भाटी ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को नामांकन नहीं भरने दिये जा रहे हैं। कोर्ट मामले में दखल दे, ताकि भाजपा उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकें। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर समस्या खड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा हो रही है। भाटी ने हाल में दलित नेता की हत्या होने की घटना का भी जिक्र किया।