संसद में उठा मैरिटल रेप का मुद्दा : बोली – स्मृति ईरानी

संवाददाता सूरज तिवारी
रीडर टाइम्स न्यूज़
संसद में बजट सत्र का कल तीसरा दिन था। इस दौरान सदन में मैरिटल रेप का मुद्दा उठा गया। वहीं , केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मैरिटल रेप को लेकर कहा कि देश की हर शादी की निंदा करना ठीक नहीं है। ईरानी ने सदन में प्रश्नकाल में कहा कि वैवाहिक जीवन में यौन हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता है और कोई इसका समर्थन नहीं करता है। लेकिन इसकी आड़ में सभी पुरुषों को बलात्कारी कहना ठीक नहीं है।

बता दें कि ईरानी सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम के ‘वैवाहिक जीवन में यौन हिंसा’ से संबंधित एक सवाल का उत्तर दे रही थी। उन्होंने कहा, ‘मैरिटल रेप का मामला अदालत में विचाराधीन है। देश में 30 से ज्यादा हेल्पलाइन हैं, जो महिलाओं की मदद करती हैं।‘मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ सदस्य जानते हैं कि राज्यसभा में प्रक्रियाओं का नियम 47 वर्तमान में विचाराधीन विषय पर विस्तार की अनुमति नहीं देता है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास राज्य सरकारों के सहयोग से इस देश में महिलाओं की रक्षा करना है। वर्तमान में , पूरे भारत में 30 से अधिक हेल्पलाइन कार्यरत हैं, जिन्होंने 66 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की है। इसके अलावा, देश में 703 ‘वन स्टॉप सेंटर’ काम कर रहे हैं और इनसे पांच लाख से अधिक महिलाओं को मदद मिली है।

“वहीं, सांसद विश्वम ने कहा कि उनका मतलब यह नहीं था कि हर आदमी एक बलात्कारी है। इसके साथ ही सवाल पूछा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर डेटा एकत्र कर सकती है और इसे जल्द से जल्द संसद में जमा कर सकती है।”

इस पर मंत्री ने कहा कि सदस्य सुझाव दे रहे हैं कि केंद्र राज्य सरकारों के साथ बातचीत करे और उनसे रिकॉर्ड मांगे। लेकिन केंद्र आज इस सदन में राज्य सरकारों की ओर से कोई सिफारिश नहीं कर सकता। वहीं , भाजपा नेता सुशील मोदी ने पूछा कि क्या सरकार वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने के पक्ष में है या इसे अपराध के रूप में छूट देने के पक्ष में है तो इससे विवाह की संस्था समाप्त हो जाएगी। सुशील मोदी ने कहा कि यह साबित करना मुश्किल होगा कि पत्नी कब राजी हुई या नहीं।