अधिकतम उत्पादन हेतु शरदकालीन में गन्ना प्रजाति कोलख0-14201 की बुवाई करें
Jul 14, 2022
ब्यूरो रिपोर्ट रमेश कुमार शर्मा
रीडर टाइम्स न्यूज़
बलरामपुर हर्रैया परिक्षेत्र के ग्राम भुजेहरा खैरहनिया में विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में बृहद कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिस मौके पर तुलसीपुर चीनी मिल के उप महाप्रबन्धक (गन्ना) डॉ0 आर0 पी0 शाही ने कृषक गोष्ठी में उपस्थित कृषकों को शरदकालीन बुवाई में गन्ना प्रजाति कोलख0-14201, को0-15023 एवं को0-0118 की बुवाई करने का बहुमूल्य सुझाव दिया साथ ही साथ शरदकालीन गन्ना बुवाई ट्रेन्च विधि से दो आँख के टुकड़े का प्रयोग करने का आग्रह किया। पेड़ी/ पौधा गन्ना फसल में अच्छी पैदावार के लिए उचित नमी के दशा में यूरिया का अंतिम खुराक 50 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से जड़ों के पास प्रयोग करने के पश्चात मिट्टी चढाई का कार्य अवश्य करें । गन्ना प्रबन्धक राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि गन्ने में बेल , लता (बौर) खरपतवार पौधो से लिपट कर पूरी तरह से ढक लेती है जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित होने के कारण पौधा भोजन नही बना पाता है एवं पौधा कमजोर हो जाता है।
और अधिक बोझ होने के कारण हल्की आंधी से गन्ना गिर जाता है जिस कारण खरपतवार से 30 से 35 प्रतिशत उपज की हानी होती है। बेल , लता (बौर) नामक खरपतवार रोकथाम हेतु बेल को जड़ सहित निकालकर नष्ट कर दें। लाल सड़न रोग के लक्षण एवं पहचान के बारे में बताया कि गन्ने के पत्ती के मध्य शीरा के पीछे रूद्राक्ष माला जैसे संरचना बन जाती है उपर से तीसरी चौथी पत्ती का पीला पड़ना या अगोले का सूखना , गन्ने को चीरकर देखने पर अन्दर का भाग लाल रंग के साथ सफेद चकत्ते होना तथा सूघने पर सिरके जैसा गंध आना लाल सड़न रोग का प्रमुख लक्षण है। इसके रोकथाम हेतु प्रभावित पौधे को जड़ सहित उखाड़ कर जला दे या जमीन में गाड़ कर नष्ट कर दें । लाल सड़न रोग से प्रभावित खेत में 400 ग्राम हेक्सास्टॉप (फफूँदनाशक) एवं 01 किलोग्राम एन0 पी0 के0 (19:19:19:) को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन के अन्तराल पर दो बार पर्णीय छिड़काव कर रोग पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। तुलसीपुर चीनी मिल के मुख्य महाप्रबन्धक सुधीर कुमार गोष्ठी में किसानों को बताया कि चीनी मिल द्वारा गन्ना गुड़ाई एवं मिट्टी चढाई हेतु पावर टिलर , डीजल इंजन , पावर स्प्रे , बैट्री चालित स्प्रे मशीन , मिट्टी पलटने वाला हल , चीजलर (धरती फाड़ यन्त्र) , जंगली पशुओ से बचाव हेतु सोलर चालित झटका मशीन इत्यादि अनुदानित दर पर किसानों के बीच वितरित किया जा रहा है।
कृषकों से अनुरोध किया गया है कि उत्पादन लागत कम करने हेतु सिंचाई के लिए डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत कनेक्शन लें एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कृषि विभाग से सोलर पम्प प्राप्त कर सकते है। इच्छुक कृषक अपने क्षेत्रीय चीनी मिल के अधिकारी/कर्मचारी से सम्पर्क स्थापित कर प्राप्त कर सकते है। जो कृषक अभी तक सहकारी गन्ना विकास समिति की सदस्यता नही ग्रहण किये है वे कृषकगण 30 सितम्बर , 2022 तक अपने सम्बन्धित समिति के सदस्य बन जाये। इस मौके पर क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक गण धमेन्द्र वर्मा , रामचन्द्र वर्मा , कृष्ण चन्द्र वर्मा , अब्दुल रब खान , सेखावत अली, सुखराज एवं चीनी मिल के क्षेत्रीय गन्ना प्रभारी उमाशंकर गुप्ता, सी.एफ.ए. नवनीत कुमार इत्यादि मौजूद रहे।