Home Breaking News भारत – चीन सीमा के पास उत्तरी सिक्कम में सेना से भरी बस गिरी खाई में , 16 जवान शहीद ,
भारत – चीन सीमा के पास उत्तरी सिक्कम में सेना से भरी बस गिरी खाई में , 16 जवान शहीद ,
Dec 23, 2022
डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
सिक्किम में बस के खाई में गिरने से सेना के 16 जवान शहीद हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक ये हादसा लाचेन से करीब 15 किलोमीटर दूर जेमा में सुबह करीब 8 बजे हुआ. दरअसल , शुक्रवार की सुबह भारत-चीन सीमा के पास उत्तरी सिक्किम में सेना की गाड़ी सड़क से फिसलकर खाई में जा गिरी. इस हादसे में सेना के 16 जवान शहीद हो गए. वहीं , 4 जवान घायल हो गए.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, घायलों को उत्तरी बंगाल के एक सैन्य अस्पताल में हवाई मार्ग से ले जाया गया है. दुर्घटना राज्य की राजधानी गंगटोक से लगभग 130 किमी की दूरी पर स्थित लाचेन से लगभग 15 किमी दूर ज़ेमा में सुबह लगभग 8 बजे हुई.
गाड़ी में सवार थे 20 जवान –
चुंगथांग उप-विभागीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेना की गाड़ी 20 जवानों के साथ सीमा पर मौजूद चौकियों की ओर जा रही थी. जेमा पहुंचते ही गाड़ी एक मोड़ पर सड़क से उतर गई और सैकड़ों फीट नीचे गिर खाई में गिर गई.इस हासदे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘उत्तरी सिक्किम में एक सड़क दुर्घटना के कारण भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने से गहरा दुख हुआ. राष्ट्र उनकी सेवा और प्रतिबद्धता के लिए हृदय से आभारी है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. जो लोग घायल हुए हैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं.’
शहीदों में 3 जेसीओ भी शामिल-
खाई में गिरने के बाद सेना की बस चकनाचूर हो गई. ये बस तीन बसों के उस काफिले का हिस्सा थी जो चट्टेन से थांगू के लिए निकली थीं. जेमा में एक तीव्र मोड़ पर ढलान जैसी सड़क से मुड़ते वक्त बस खाई में समा गई. इस हादसे में शहीद होने वालों में 3 जूनियर कमीशंड ऑफिसर और 13 जवान शामिल हैं.
सेना के सभी 16 जवानों के पार्थिव शरीर को दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है. लाचेन की एक पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर मौजूद थाटल ने कहा कि चार गंभीर रूप से घायल जवानों की स्थिति अज्ञात बनी हुई है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए गंगटोक के सरकारी एसटीएनएम अस्पताल ले जाया गया है जिसके बाद इसे सेना को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीड़ितों की रेजिमेंट का पता लगाया जाना बाकी है.