शिवधीश त्रिपाठी (ब्यूरो)
रीडर टाइम्स न्यूज़
उत्तर प्रदेश केमिस्ट एसोसिएशन हरदोई ने अपने कार्यालय पर एक बैठक का आयोजन किया जिस के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री सुरेश गुप्ता ने अपने संबोधन में बताया की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो 14 प्रतिबंधित दवाइयां क्रय – विक्रय एवं वितरण के लिए जो गाइडलाइन जारी की गई है उसमें किसी भी केमिस्ट को कोई समय सीमा नहीं तय की गई है उन्होंने भारत सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि अगर यह दवाइयां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो भारत सरकार ने इनको अप्रूवल कैसे दे दिया अगर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है तो इसको रोकने के लिए कोई दिशानिर्देश केमिस्ट एसोसिएशन को क्यों नहीं दिया गया सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा 1 तारीख को आपने आदेश जारी किया 2 तारीख को लेटर जारी हो गया 3 तारीख से आप केमिस्ट्र की दुकान पर छापा मारने लगे आपके ड्रग इंस्पेक्टर उत्तर प्रदेश के केमिस्ट्स को परेशान करने लगे.
उन्होंने बताया कि अगर कोई दवाई मार्केट में अवेलेबल है तो उसको उठाने में एक उचित समय लगता है इसको प्रतिबंधित करने से पहले भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को उचित समय देना चाहिए था जिससे वह अपना स्टाक समय से समाप्त कर ले या कंपनी को वापस कराने के लिए एक समय सीमा देनी चाहिए थी . हरदोई में हो रही केमिस्ट की बैठक में महामंत्री ने बताया कि सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को 14 प्रतिबंधित दवाइयां जो स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने प्रतिबंधित की हैं . उनको वह बेचना बंद कर दे और जितना भी स्टॉक उनके पास अवेलेबल है वह सब कंपनियों को वापस कर दें उन्होंने कहा अगर इसके बावजूद किसी मेडिकल स्टोर संचालक को ड्रग निरीक्षक के द्वारा इन दवाइयों को लेकर परेशान किया जाता है तो वह इसका कड़ा विरोध करेंगे . भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय सिर्फ मेडिकल स्टोर संचालकों पर ही क्यों दवाब बनाता है कभी डॉक्टरों के ऊपर इन सब दवाइयों को लिखने के लिए बैन क्यों नहीं लगाता कभी किसी कंपनी के ऊपर नुकसानदायक दवाइयों को बनाने के लिए कोई कार्यवाही क्यों नहीं करता ! हरदोई संगठन मंत्री अनोज मिश्रा ने बताया की बैन की गई दवाइयों में तमाम ऐसी दवाइयां हैं जो लोग रोजमर्रा की जिंदगी में यूज करते हैं जैसे निमो पैरा टेबलेट जो सरकार ने बंद करी है वह प्रत्येक व्यक्ति मामूली फुटकर दवा विक्रेताओं से खरीद कर अपने आप ही खा लेता है जोकि शरीर की किडनी के लिए अत्यंत हानिकारक होती है स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार को यह पता था तो ऐसी दवाइयों को बनाने की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए थी अब जब वह मार्केट में है तो उसको उठाने में कुछ तो समय लगेगा तब तक ड्रग इंस्पेक्टर को कोई भी कार्यवाही नहीं करने का सुझाव दिया .