रिपोर्ट – श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
— राजा दशरथ के परिवार और प्रजा में छाई उमंग ही उमंग
— राक्षसों ने ऋषि विश्वामित्र का यज्ञ भंग कर दिखाई दुष्टता
— शाहाबाद श्री रामलीला मेला में बहुत बढ़िया मंचन
शाहाबाद में 18अक्टूबर। राम लक्ष्मण भरत शत्रुघन के जन्म से फूली नहीं समाई अयोध्या में सर्वत्र बधाइयां बजीं तो दूसरी ओर राक्षसों में खलबली मची। इसी बीच तपोवन में यज्ञ कर रहे ऋषि विश्वामित्र का यज्ञ राक्षसों ने एक बार फिर भंग कर दिया।
नगर के मोहल्ला पठकाना में श्री रामलीला मेला मंच पर ऋषि विश्वामित्र द्वारा एक तपोवन के बीच किया जा रहा यज्ञ वहां के दुष्ट राक्षसों ने विध्वंस कर दिया तभी उन्हें अपने दिव्य ज्ञान से ज्ञात हुआ कि अयोध्या के राजा दशरथ के यहां 4 ऐश्वर्यशाली लल्ला जन्में हैं जो कोई मामूली मानव नहीं अपितु राम के रुप में स्वयं भगवान विष्णु ने जन्म लिया है और उनके दिव्य सुदर्शन ने भरत तथा उनके शंख शैल ने शत्रुघन के रुप में अवतार लिया है। जिनका अवतार मात्र दुष्टों का नाश करके धर्म की रक्षा करना है।
यह जानकर ऋषि विश्वामित्र ने निर्णय लिया कि अब वह यज्ञ तभी करेंगे जब अयोध्या के राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांग लेंगे जो उनके यज्ञ की रक्षा करेंगे। यही सब सोचते सोचते और एक दिन चलते चलते ऋषी विश्वामित्र अयोध्या के राजा दशरथ के यहां पहुंच गए, जहां पर राजा दशरथ ने ऋषि विश्वामित्र को दंडवत प्रणाम कर उनकी आव भगत कर उनके पांव पखारे। शाहाबाद रामलीला में बाल कृष्णलीला संस्थान वृंदावन द्वारा सफल मंचन किया जा रहा है जिसमें श्री रामलीला मेला समिति समेत सभी सहयोगीगण अपनी अपनी भूमिका का सराहनीय निर्वहन कर रहे हैं।