शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स न्यूज़
लखनऊ। 7 नवम्बर यूपी के पांच अस्पतालों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू होगी। इसका मकसद कार्यालय के सभी पत्र, पत्रावली, फाइल का डिजिटलाइजेशन करना है। फाइल व पत्रावलियों को तलाशना आसान होगा। कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी। फाइलों के गायब होने की आशंका कम होगी। कम समय में फाइलें खोजी जा सकेंगी।
- 90 लाख रुपये का प्रावधान –
अभी सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पांच अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल प्रणाली लागू करने के लिए धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश जारी कर दिए है़। उन्होंने बताया कि परदर्शिता लाने के लिए सचिवालय की भांति प्रदेश के पांच मेडिकल संस्थानों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाएगी। इसके लिए 7134. 90 लाख रुपये के बजट की व्यवस्था है।
पहली किस्त जारी –
प्रथम चरण में संजय गांधी पीजीआई, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, केजीएमयू, कल्याण सिंह अतिविशिष्ठ कैंसर संस्थान तथा कानपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था लागू की जायेगी। पहली किश्त के रूप में 188.44 लाख की धनराशि जारी किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यदायी संस्था यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कार्पोरेशन को जल्द से जल्द कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है।
वर्जन –
ई-आफिस एक डिजिटल वर्क प्लेस साल्यूशन है। इसे लागू करने की दिशा में कवायद तेज कर दी गई है। शुरूआत प्रदेश के पांच अस्पतालों से की गई है। प्रयोग सफल होने पर दूसरे मेडिकल संस्थानों में व्यवस्था लागू की जायेगी। इससे उत्तरदायी, प्रभावी और पारदर्शी कामकाज को बढ़ावा मिलेगा।