रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स
संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ शुक्रवार 22 दिसम्बर को इण्डिया के घटक दल जंतर -मंतर पर जुटे। सेव डेमोक्रेसी प्रोटेस्ट लोकतंत्र बचाओ प्रदर्शन में कॉंग्रेसी अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खगड़े राहुल गाँधी शरद पवार समेत विपक्षी पट्टियों के कई नेता मौजूद रहे। प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा – हम सदन में सिर्फ ग्रह मंत्री के बयान की मांग कर रहे थे। इस पर कई सांसदों को सस्पेंड करने और इसके बाद सदन चलाने का अधिकार नहीं हैं। सरकार पूरी तरह से निरंकुश और अलोकतांत्रिक हो गई हैं।
संसद में घुसपैठ विपक्ष का हंगामा और विपक्ष सांसद निलंबित –
13 दिसम्बर को लोकसभा में दो शख्स घुस आए थे। उन्हें सांसदों ने पकड़कर पुलिस को सौप दिया। हंगामे के चलते से 21 दिसम्बर तक लोकसभा और राज्य सभा से 146 सांसदों सस्पेंड हुए इसमें सबसे ज़्यादा कॉंग्रेस के 61 सांसद ( लोकसभा ) से 44 और राज्य सभा से 17 हैं।
21 दिसम्बर को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुराणी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला।
सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही : पीएम वाराणसी अहमदाबाद जा रहे हैं वे हर जगह बोल रहे हैं। संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। ग्रह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लैप्स पर कुछ नहीं कहा हम इसकी निंदा करते हैं।
शरद पवार – सदन में जो हुआ ,वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे वो किसकी मदद से आए। संसद की सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही हैं चर्चा कराने के बजाय सांसदों को सस्पेंट कर दिया गया।
आजादी के बाद पहली बार इतने सांसद हुए सस्पेंड –
सोमवार यात्री 18 दिसम्बर को कुल 78 सांसदों लोकसभा -33 राज्य सभा -45 को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए हैं। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए।