रीडर टाइम्स न्यूज़
शिवधीश त्रिपाठी
समिति के बाबा मंदिर स्थित कार्यालय पर पहली बार एक ऐसा वाकया हुआ जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। माया देवी उम्र मात्र 20वर्ष अकेले आई कार्यालय पर अपनी शादी में मदद मांगने और करती भी क्या बेचारी कोई था ही नहीं उसके परिवार में जो साथ आता। माया देवी के अनुसार आठ साल पहले बिमारी के चलते उसकी मां मीना देवी का देहांत हो गया था। मां की बिमारी से लुटा पैरों से विकलांग पिता हरिकरण के सामने एक बेटा और पांच बेटियों कुल 6बच्चों को पालने की समस्या विकराल रूप लिए खड़ी थी। जैसे तैसे उधार लेकर बड़ी बेटी खुशबू की शादी कर दी। जिस कारण दो महिने बाद ही खेत बेचकर उधार चुकाना पड़ा जिससे उसकी माली हालत गंभीर रुप ले चुकी थी। विकलांगता से ग्रसित व्यक्ति और सामने चार और बेटियां और नाबालिग बेटा।
आखिरकार हरिकरन हिम्मत हार गया और फांसी लगाकर जान दे दी। ये सब बताते हुऐ माया बिटिया के आंख से अविरल आंसू की धारा बह रही थी। कन्यादान योजना समिति परिवार की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती स्वेता दीक्षित ने जब पूछा की आपको कार्यालय का पता कहां से मिला तब उसने बताया कि पड़ोस के गांव में रहने वाले राजेश बाजपेई (सदस्य कन्या दान योजना समिति परिवार) जो कि इस समय स्वयं कैंसर से पीड़ित हैं फिर भी गरीबों की सेवा में समर्पित है उन्होंने ही कहा कि आप गोपेश भईया के पास जाकर अपनी व्यथा बताओ तो मदद जरूर मिलेगी। माया बिटिया का विवाह पड़ोस के गांव में ही तय है लेकिन करने वाला कोई नहीं न ही पैसा है और न ही घर में कोई आदमी। ये सुनकर स्वेता दीक्षित ने तत्काल समिति परिवार को बुलाकर एक मीटिंग की। जिसमें तत्काल सर्वे कराने की जिम्मेदारी रुचि गोयल और दीक्षा श्रीवास्तव ने ली और शाम तक गांव जाकर सर्वे करने के साथ ही रिपोर्ट भी पेश कर दी।
जिसके अनुसार माया बिटिया के द्वारा बताए गए सभी तथ्य सच की ओर इशारा कर रहे थे। घर के नाम पर सिर्फ दीवारे और छत के नाम पर टूटा फूटा छप्पर। तभी छोटी बहनें नीलम 14 वर्ष, शीलू 12वर्ष, और कंचन 10वर्ष खेत से चारा लेकर आ गई। जिसे देखकर सर्वे करने गई टीम भी खुद को तत्काल निर्णय करने से रोक नहीं पाई और आनन फानन में ये फैसला लिया गया कि माया और शोभित को परिवार सहित बाबा मंदिर में बुलाकर उनका विवाह कर दिया जाय जिसके लिए इसी महिने की 31 मार्च का समय निर्धारित किया गया। परीक्षा की इस घड़ी में हम सभी लोगों को एक जुट होकर एक बार फिर से एक अनाथ बच्ची का घर बसाना है इसी संकल्प के साथ आगे आई समिति में प्रमुख भूमिका निभाई।
हरदोई से स्मिता के के कश्यप, उमेश मिश्रा, ग्लेज एंटोनी, रुचि गोयल, बिंदिया गुप्ता, नेहा गुप्ता खुशबू श्रीवास्तव, नीलम अग्रवाल,अमिताभ शुक्ला,अरविंद शुक्ला, खालिद भाई, नितिन मिश्रा, शिवधीश त्रिपाठी, नितेश कुमार,गीता सिंह, शिव प्रकाश शुक्ला, बब्लू, अजय कौशिक, शिवम बाजपेई, अनीस भाई, जगतार सिंह, संकेत तिवारी, सचिन मिश्रा, मलय मिश्रा, नितिन श्रीवास्तव, शोएब भाई, मानसी द्विवेदी, विमल ट्रेडर्स, बॉबी गुप्ता नगर मंत्री भाजपा, रवि दीक्षित, अंशू कैटर्स, सरीफ , पीयूष त्रिवेदी राम किशोर , मुनीश सैनी , राजेश बाजपेई, दीक्षा लखनऊ से निहारिका सिंह, सम्राट भाई, सुनिता अग्रवाल, कल्पना प्रीती निगम , स्मिता सिंह, शशांक त्रिवेदी, फतेहपुर से सोना शिवहरे, नागराज शिवहरे, आकाश शिवहरे जबलपुर से राज कौर झारखण्ड से शमीमा खातून सीतापुर से शिल्पी त्रिपाठी बरेली से अंकुर शंख धर आदि लोगों ने तन मन धन से आपसी सहयोग से माया बिटिया को सम्मान पूर्वक विदा किया।