रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
नैनीताल जिले में आग लगने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। धारी के मटियाल ,पद्मपुरी और नैनीताल के खुर्पाताल ,देवीपुरा के जंगल में आग से वन संपदा को काफी नुक्सान पंहुचा हैं। आग का खर ऐसा हैं कि सरोवर नगरी नैनीताल आग के धुएं से भर चुकी हैं। आग के नीले धुएं के कारण विजिबिलिटी भी कम हो चुकी हैं। जिस वजह से नैनीताल में सूर्य देवता के दर्शन भी दुर्लभ हो रहे हैं। ऐसे में नैनीताल आने वाले पर्यटक भी नैनीताल के इस नज़ारे को देखकर मायूस हो रहे हैं। हवा में घुले धुएं के कारण लोगो को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पद रहा हैं।
एक हजार 86 हेक्टर जंगल अब तक खाक – वन विभाग के अनुसार ,उत्तराखंड में गुरूवार दोपहर बाद से शुक्रवार दोपहर बाद चार बजे तक 24 घंटे में आह कि 64 घटनाएं दर्ज कि गई। इसमें ७५ हेक्टेयर जंगल जल गए। उत्तराखंड में इस फाम सीजन में शुक्रवार तक जंगलो में आग कि 868 घटनाएं दर्ज कि जा चुकी हैं। इसमें 1086 हेक्टर जंगल जल चूका हैं।
जंगल की आग बुझाने वालो का विशेष बीमा –
जंगलो की आग बुझने वाले वनकर्मी और फायर वॉचरों का विशेष जीवन बीमा के निर्देश पर वन विभाग प्रस्ताव बना रहा हैं। प्रदेश भर में करीब चार फायर वॉचर तैनात हैं इनमे से किसी के साथ अनहोनी पर मुआवजे या आर्थिक मदद का प्रावधान नहीं हैं।