रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
यूपी के बरेली में रेप के एक फर्जी केस में निर्दोष युवक को जेल भिजवाने के मामले में न्यायाधीश ने कोर्ट में ऐतिहासिक फैसला सुनाया हैं। दुष्कर्म के मिकदमे में गवाही से मुकरने वाली युवती को 1,653 दिन का कारावास कि सजा। कोर्ट ने युवक को बरी करते हुए उसके जेल कटाने कि अवधि के बराबर चार वर्ष छह महीने आठ दिन कि कैद कि सजा झूठा आरोप लगाने वाली युवती को सुनाई सजा। कोर्ट के इस फैसल पर दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज करने वाली महिलाओ के अंदर अदालत का खौफ पैदा करेगा। उन्हें अब यह भी डर रहेगा कि झूठी गवाही देने का या मुकरने पर वह खुद भी जेल जा सकती हैं।
कोर्ट ने युवक के जेल में रहने कि अवधि का न्यूनतम प्राश्रमिक पांच लाख 88 हजार 822 रूपये 47 पैसे का जुरमाना भी युवती पर लगाया। क्योकि अगर वह जेल में नहीं होता तो इतने रुपये कमा लेता। अधिवक्ता अजय लक्ष्मी ने बताया कि अमूमन दुष्कर्म के कई मामलो में इस तरह कि स्थिति आती हैं। इससे अदालत का समय बर्बाद होता हैं वही आरोपी निर्दोष युवक की सामाजिक प्रतिष्ठा भी खराब होती हैं उसे जेल में रहना पड़ता हैं। इससे उसका पूरा परिवार परेशान रहता हैं।
जानकारी के मुताबिक़ – युवती की माँ ने 2सितम्बर 2019 को दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराइ थी। बरेली के नेकपुर सुभाषनगर में रहने वाला अजय उर्फ़ राघव और उसकी बेटी साथ में झांकी बनाने का काम करते थे। आरोप लगया गया था। की 29 अगस्त 2019 को उसकी बेटी को भगा ले गया। पुलिस की कार्रवाई में एफआईआर दर्ज कर युवती को बरामद किया। पुलिस पूछताछ में युवती ने कलमबंद बयान में अजय पर नशीला प्रसाद खिलने और बंधक बनाकर दिल्ली में दुष्कर्म करने के आरोप लगाए थे। वही युवती ने 13 अक्टूबर 2023 को कोर्ट में आरोपी अजय के खिलाफ डटकर बयान दिए थे। लेकिन कहानी फिर पलटी और 8 फरवरी 2024 को जिरह के दौरान युवती अपने बयानों से मुकर गई थी। युवती बोली मैं अनपढ़ हूँ। पढ़ना -लिखना नहीं जानती हूँ। जबकि कलमबंद बयान में युवती ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए थे। वह बोली अजय ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया था। कलमबंद बयान मैने पॉलीवे के दबाव में दिया था।
IPC की धरा 195 के तहत दर्ज केस – बयानों से मुकरने के बाद कोर्ट में युवती के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता 195 के तहत परिवाद दर्ज किया गया था। कोर्ट ने युवती से सवाल किए तो वह बोली की वह आज जो बयान दे रही हैं। वह सत्य हैं। पहले उसने गलत बयान दिया था। जिस पर जज निर्दोष कुमार ने कोर्ट में शपथ लेकर गलत बयान देने के आरोप में युवती की न्यायिक हिरासत में लेकर उसके खिलाफ केस डेज करने का आदेश दिया वह से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।