रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- मंत्रियो कामकाज की अमिक्शा की जाएगी।
- बेरोजगारी और पेपरलीक मुद्दा बना था।
- मुख्यमंत्री खाली पड़े पदों को लेकर चर्चा कर सकते हैं।
- सीएम ने अधिकारियो के साथ बैठक की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय शुरू करने के फरमान ने बेरोजगारों की आखो में एक बार फिर से चमक पैदा कर दी हैं। लाखो बेरोजगार खासतौर से परिषदीय प्राथमिक स्कूलप में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त को लेकर आशान्वित हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ही सबसे अधिक नौकरी देता हैं और इसमें पिछले साढ़े पांच साल से कोई भर्ती नहीं आई हैं। वही आखिरी बार दिसंबर 2018 में 69000 सहायक अध्यापको की भर्ती आई थी। उसके बाद से हर साल शिक्षक सेवानिवृत्त हो रही हैं। लेकिन भर्ती प्रक्रिया ठप हैं।
अभ्यर्थियों का दावा – हर साल औसतन आठ हजार शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस प्रकार 2021 से 2024 तक चार साल में 32 हजार पद खली हो चुके हैं। अभ्यर्थियों के दावे पर यकीन करे तो सुप्रीम कोर्ट को सरकार की ओर से दी गई जानकारी ओर चार साल में हुई सेवानिवृत्त को मिलाकर 80 हजार से अधिक रिक्त पद बनते हैं यह अलग बात हैं कि पिछले कुछ समय से हाईकोर्ट से लेकर आईटीआई के जवाब में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी यह बताने से कतराते रहे हैं कि परिषदीय स्कूलो में शिक्षकों के कितने पद खाली हैं।
नवगठित आयोग को करना होगा सक्रिय – मुख्यमंत्री के फरमान पर कार्यवाई शुरू होती हैं। तो सबसे पहले नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सक्रिय करना होगा।
प्रयागराज – शिक्षक भर्ती इन्तजार में बेरोजगार सालो से दर -दर कि ठोकरे खा रहे हैं। डीएलएड 2017 बैच के ही 135182 बेरोजगार पांच साल से खाली हैं। इसके अलावा 2017 सत्र के बाद से प्रशिक्षण लेने वाले लाखो बेरोजगार कि नौकरी का इन्तजार खत्म नहीं हो सका हैं।