रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- दिल्ली को पानी देने से हिमाचल का इंकार।
- पानी बटवारे में दखल देने से इंकार।
- दिल्ली में जल सकंट से हाहाकार।
- राजधानी दिल्ली में गहराया जल संकट।
दिल्ली में लगातार जल संकट बढ़ रहा हैं। कई इलाके पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट ताल चला गया। लेकिन इस संकट का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा हैं सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की सरकार से साफ़ कह दिया कि वो इस मामले में अपर यमुना रिवर बोर्ड में जाए और मानवीय आधार पर अतिरिक्त पानी कि मांग करे ,दिल्ली सरकार का कहना हैं कि जल संकट के लिए टैंकर माफिया जिम्मेदार हैं। वही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने वीरेंद्र सचदेवा ने कहा दिल्लीवासी आम आदमी कि सरकार को जल्द से जल्द हटाए जल संकट मामले में हिमाचल सरकार को अपने बयान से पलट गई और सप्लाई से इंकार कर दिया हैं।
एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में किया था इंकार
हिमाचल प्रदेश ने गुरूवार को अपने पिछले बयान से पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछला बयान वापस लेते हुएक कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं हैं। लेकिन कोर्ट ,इस बात को लेकर नाराज दिखा। बेंच ने गुस्से में कहा ,यह बहुत गंभीर और संवेदनशील मामला हैं। आप अपने ब्यान के नतीजों को नहीं समझते। आपने इसके परिणामो को समझे बिना ही ऐसा आकस्मिक ब्यान दे दिया। अगर यह इतना महत्वपूर्ण मामला नहीं होता तो हम आपको अवमानना का दोधी ठहराने के वास्ते इसे लंबित रखते।
दिल्ली अपनी 90% से ज़्यादा पयेजल आपूर्ति के लिए पडोसी राज्य हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश ,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पर बहुत अधिक निर्भर हैं इस आपूर्ति का लगभग 40% यमुना नदी जैसे सोर्स से आता हैं।
इससे पहले 6 जून को सुप्रीम ने पानी कि किल्लत से निजात दिलाने के लिए आदेश पारित किया था। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था। कि वो हिमाचल प्रदेश द्वारा दिल्ली के लिए रिलीज किये जाने वाले जल को बिना बाधा के दिल्ली के लिए छोड़े पानी पर कोई राजनीति नहीं।