रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
18वी लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सम्बोधित किया उन्होंने लोकसभा चुनाव और तीसरी बार चुने जाने पर जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने आपातकाल को लेकर कॉंग्रेस पर निशाना साधा। लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के बाद अब सभी सांसद पहली बार संसद पहुंचे हूँ जहा पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेता सांसद पद की शपथ ले चुके हैं।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान राहुल समेत विपक्ष के कई सांसदों ने सविधान की प्रति दिखाई सदन में कॉंग्रेस सांसद के पास समाजवादी पार्टी प्रमुख और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट से विजयी हुए अवधेश पासी भी बैठे थे।
स्पीकर चुनाव किसके लिए क्यों अहम -लोकसभा स्पीकर का चुनाव पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए ही अहम हैं। बीजेपी की रणनीति जहां स्पीकर चुनाव के जरिये यह संदेश देने की होगी कि एनडीए के सभी घटक दाल मजबूती के साथ हैं और गठबंधन में किसी तरह का कोई विरोधाभास नहीं हैं वही विपक्ष कि रणनीति यह हैं कि स्पीकर चुनाव के बहाने सरकार को डिप्टी स्पीकर का पद उसे देने के लिए मजबूत किया जाए।
संविधान पर आक्रमण स्वीकार्य नहीं -राहुल
रायबरेली से कॉंग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने कहा ,पीएम नरेंद्र मोदी ,अमित शाह जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं। वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं हैं और वो हम नहीं होने देंगे इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान पकड़ा था। हिन्दुस्तान के संविधान को कोई शाक्ति नहीं छू सकता।
पार्टी पक्ष और विपक्ष क आधार पर तय होती हैं -सीट
सांसद के बैठने कि सीट उसकी पार्टी के सदस्यों कि संख्या कितनी हैं इस आधार पैट तय होती हैं दरअसल ,संसद में सदस्यों के बैठने के लिए कई बॉल्क होते हैं और पार्टी के सदस्यों कि संख्या के आधार पर उनके ब्लॉक तय होते हैं उदाहरण के तौर पर किसी पार्टी के पांच से ज़्यादा सांसद हैं और किसी के पांच से कम तो दोनों के लिए अलग -अलग व्यवस्था होती हैं इसी तरह निर्दलीय सासंदो को भी जगह दी जाती हैं।
सीट कौन तय करता हैं –
बता दे कि किस पार्टी के सांसद किस सीट पर बैठेंगे यह फैसला सदन के स्पीकर को ओर से लिया जाता हैं। डायरेक्शन 122 ( a ) के अंतर्गत लोकसभा अध्यक्ष हर सांसद को उसके नाम की सीट अलॉट करते हैं और फिर के अनुसार सांसद को सदन में अपनी सीट पर बैठना होता हैं।
लोकसभा में क्या हैं नंबरगेम –
लोकसभा के नंबरगेम की बात करे तो इस बार तस्वीर 2014 और 2019 के मुकाबले अलग -अलग एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी हैं लेकिन दो चुनाव के बाद पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरुरी 272 के जादुई आकड़े से पीछे रह गई लोकसभा में एनडीए का संख्याबल 293 हैं वही विपक्ष की बात करे तो कॉंग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन राहुल गाँधी दो सीट से जीते थे इस लिहाज से सांसदों की संख्या 98 थी। राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी हैं। ऐसे में पार्टी की सीटे भी अब 98 हो गई हैं। कॉंग्रेस की अगुवाई वाले इण्डिया ब्लॉक के २३३ सांसद हैं। सात निर्दलीय समेत 16 अन्य भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।