बेटा शहीद हुआ ,बहु… कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई !

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क


पिछले साल जुलाई में सियाचिन में आग लगने की घटना में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के माता -पिता ने सैनिक की मौत की स्थिति में परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता के लिए बनाए गए कानून में परिवर्तन की मांग की हैं। एक समाचार को दिए इंटरव्यू में रवि प्रताप सिंह उनकी पत्नी मंजू सिंह ने दावा किया हैं की उनकी बहु स्मृति सिंह ने उनका घर छोड़ दिया हैं। और अब उनके बेटे की मौत के बाद उन्हें ही अधिकांश अधिकार मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि उनके पास केवल एक चीज बची हैं वह हैं उनके बेटे कि दीवार पर टंगी हुई तस्वीर।

उन्होंने कहा – ना तो बहु मेरे पास हैं और ना बीटा और न वह सम्मान (कीर्ति चक्र ) जिसे हाथ पर रखकर कमसे कम देख सकू या फोटो खींच संकू हमारे यूपी और बिहार कि बहुएं ऐसी नहीं होती हैं। वह हमारे साथ रहती हैं पांच जुलाई को शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। शहीद अंशुमान कि माँ और उनकी पत्नी यह सम्म्मान लेने राष्ट्रपति भवन आई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंशुमान सिंह कि पत्नी स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र से सम्म्मानित किया साथ में उनके साथ अंशुमान कि माँ कड़ी थी लेकिन अब शहीद हुए अंशुमान सिंह के माता -पिता ने बहु पर गंभीर आरोप लगाया गया हैं।

शहीद अंशुमान सिंह की माँ मंजू सिंह ने कहा की पांच महीने की शादी में बीटा शहीद हो गया और बहु कीर्ति चक्र लेकर मायके चली गई हमारे पास क्या बचा उनके हाथ में सम्मान नहीं देना चाहिए राहुल जी ने कहा कि वो राजनाथ जी से बात करेंगे। वही शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने भी कहा कि बहु कीर्ति चक्र भी ले गई यह बीएस बेटे कि तस्वीर बची हैं।

उन्होंने कहा ,हम चाहते हैं कि एनओके कि परिभाषा तय कि जाए। यह तय किया जाना चाहिए कि अगर शहीद कि पत्नी परिवार में रहित हैं तो किस पर कितनी निर्भरता हैं शीद कैप्टन कि माँ ने कहा परेशानी न उठानी पड़े।

हम बहु से बहुत प्यार करते हैं –
शाहिद अंशुमान सिंह की मां ने कहा कि हम बहू से बहुत प्यार करते हैं मेरी बहु बहुत सुंदर हैं बहुत अच्छी हैं मेरी बेटी और बहू नोएडा में एक साथ रहती थी क्योंकि बहू को खाना बनाना या चाय बनाना नहीं आता था बेटी को बहू के साथ नोएडा में कर दिया था शुरुआती दौर में मेरा बेटा बाहर ड्यूटी पर था तो 4 महीने में खुद बहू के साथ रही जब मेरा बेटा शहीद हो गया तो देवरिया के घर पर 13वीं तक बहू रही 13वीं के दिन उनके परिवार वालो ने कहा कि धार्मिक आयोजन के लिए बेटी को ले जा रहे हैं जल्द ही वापस आ जाएगी मेरी बेटी ने भी कहा था बहु अभी उसे स्थिति में नहीं है कि मैं रख सकूं थोड़ा स्टील होने के बाद वापस आने की बात कही थी ।

कैप्टन अंशुमान सिंह सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में 26 पंजाब में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात है 19 जुलाई 2023 को सुबह 3:00 के आसपास भारतीय सेवा की गोला – बारूद के भंडार में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई कैप्टन सिंह ने एक फाइबर ग्लास वाली झोपड़ी में आग लपटों में घिरा हुआ देखा और तुरंत अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए काम किया उन्होंने 4 से 5 लोगों को सफलतापूर्वक जान बचाई हालांकि इस हादसे में उनकी जान चली गई।

क्या है और एनओके नियम –
निकटतम परिजन किसी व्यक्ति के सबसे करीबी रिश्तेदार या कानूनी प्रतिनिधि होते हैं सेवा के नियम कहते हैं कि अगर सेवा में किसी व्यक्ति को कुछ हो जाता है तो अनुग्रह राशि एनओके को दी जाती है सरल भाषा में कहे तो यह बैंक नॉमिनी व्यक्ति की तरह ही है जब कोई कैंडिडेट या अधिकारी सेवा में शामिल होता है तो उसके माता-पिता या अभिभावकों का नाम एनओके में दर्ज होता है जब वह कैंडिडेट या अधिकारी शादी करता है तो सेना के नियमों के तहत माता-पिता के बजाय जीवनसाथी का नाम निकटतम रिश्तेदार के रूप में दर्ज है।