रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- लोकसभा में बजट पेश।
- 5 साल में 20 लाख युवाओं को स्किल बनाने का लक्ष्य।
- पहले जॉब पर ₹15000 सीधे ईपीएफओ अकाउंट में मिलेंगे।
वित्तीय वर्ष 2024 -25 के लिए पूर्ण केंद्रीय मंत्री बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश कर दिया गया। इस बार के केंद्रीय बजट में सरकार के पास वेतन भोगी व्यक्तियों के लिए कराधान टेक्सेशन के प्रावधानों के सुधार करने का मौका था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था। हालांकि उन्होंने करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही थी।
आज शेयर बाजार की शुरुआत ग्रीन जोन में हुई और सरकारी कंपनियों के शेयर पीएसयू स्टॉक शानदार तेजी के साथ भागते हुए नजर आए हालांकि ज्यादा देर तक यह तेजी टिक नहीं पाई सुबह 9:45 बजे सेंसेक्स करीब 50 अंक फिसल गए निफ्टी भी रेड जोन में कारोबार कर रहा है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन एलटीसीजी टैक्स बढ़कर 12 .50 फीसदी हुआ जो पहले 10 फ़ीसदी था।
चुनिंदा असेट्स पर एसटीसीजी 20 फ़ीसदी किया गया हैं।
बजट में एनटीपीसी और बीएचईएल को बड़ा काम मिला हैं। यह दोनों मिलकर सुपर अल्ट्रा थर्मल पावर प्लांट यूएमपीपी लगाएंगे . इस ऐलान के साथ ही इन दोनों कंपनियों को शहरों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है।
बता दे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट सदन के पटल पर रख दिया। यह बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सातवां बजट है। इससे पहले उन्होंने पांच पूर्ण और एक अंतरिम बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण देश की पहली ऐसी महिला वित्त मंत्री है जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की हैं।
वित्त मंत्री ने इस बार बजट में आयकर से जुड़े यह ऐलान किए ..
चैरिटी और टीडीएस–
- चैरिटी के मामले में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।
- विभिन्न भुगतान के लिए पांच फ़ीसदी टीडीएस की जगह दो फ़ीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगी।
- म्युचुअल फंड्स या यूटी आई रो – पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है।
- टैक्स समाधान के लिए जन विश्वास 2.0 पर काम जारी है।
- म्युचुअल फंड के रिपरचेज पर टीडीएस खत्म।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स कि दर 20%।
- इनकम टैक्स कानून की 6 महीने में समीक्षा करेगा।
- ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फ़ीसदी से घटाकर 0.1 फ़ीसदी कर दिया गया है।