रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने ताबाही मचाई हुई हैं। आनी के रिमांड में दो जगह ,कुल्लू के मलाणा मंडी जिले के थल्टूखोड ,लाहौल के जाहलमा व चंबा जिले में बदल फ़टे हैं। बादल फटने से भारी तबाही मची है कई मकान स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं बादल फटने से 50 से अधिक लोग अभी लापता हैं। अब तक 4 बरामद हुए हैं। इनमें से दो थल्टूखोड के व् दो बागीपुल क्षेत्र से बरामद हुए हैं। बादल फटने से करीब चार पुल व 15 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी जिले में 35 लोग सुरक्षित पाए गए हैं। बादल फटने की घटना के बाद मंडी के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए हैं।
वहीं प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है। सबसे ज्यादा तबाही शिमला जिला के रामपुर इलाके के झाकड़ी में हुई है। यहां से सैलाब व् भूस्खलन के कारण लापता हुए 36 लोगों की तलाश की जा रही है।
- बादलों को अपने रास्ते में गर्म हवा और पर्वत पसंद नहीं।
- रास्ते में जब कोई बाधा आती है तो यह फट जाते हैं।
- चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ और गर्म होती हवा इसका बड़ा कारण है।
हिमाचल में हर साल मानसून के समय आद्रता के साथ बदल उत्तर की ओर बढ़ते हैं। लिहाजा हिमालय पर्वत बड़े अवरोधक के रूप में सामने पड़ता है। जब कोई गर्म हवा का झोंका ऐसे बादल से टकराता है तब उसके फटने की आवश्यकता बढ़ जाती है। कुल्लू शिमला मंडी किनौर व कांगड़ा जिला में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं।
इन जिलों के लिए रोड रेड अलर्ट –
मौसम विभाग की ओर से राज्य में गुरुवार से शुक्रवार सुबह तक कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम केंद्र शिमला के अनुसार कुल्लू मंडी कांगड़ा जिले के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का रेट अलर्ट है। अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के कई भागों में 7 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है।
नदी नालों से बनाई दूरी – राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशक सुदेश मोख्टा का कहना है कि इस नुकसान को टालने के लिए लोगों को ढलान वाले कच्ची जगह पर मकान बनाने से परहेज करना चाहिए ढलान वाली जगह मजबूत होने पर ही निर्माण किया जाना चाहिए इसके अलावा नदी नालू से दूरी बनानी चाहिए।