सुप्रीम कोर्ट बोला – नीट यूजी में केवल पटना हजारीबाग सेंटर पर गड़बड़ी

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

नीट – यूजी में पेपर लीक होने के आरोपी के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने आखिर परीक्षा रद्द क्यों नहीं कि इस पर शीर्ष नहीं पाई गई हैं। ऐसे में इसे रद्द करने से उन लाखों छात्रों के हित प्रभावित होते हैं। जो एग्जाम में बैठे थे अदालत ने कहा कि पूरी जांच से पता चला है कि पेपर लीक पटना के हजारीबाग तक ही सीमित था। इसका व्यापक असर नहीं था जैसे किए दावे किए जा रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने अपने फैसले में एनडीए की संरचनात्मक प्रतिक्रियाओं में सभी कर्मियों को उजागर किया सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम छात्रों को बेहतरी के लिए ऐसा नहीं होने दे सकते हैं इसलिए जो मुद्दे उठे हैं उन्हें केंद्र को इसी साल ठीक करना चाहिए ताकि ऐसा दोबारा ना हो।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनडीए को परीक्षा कराने के तौर तरीके बदलने के लिए कहा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करें। प्रश्न पत्रों के सञ्चालन आदि की जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए। पेपर को ट्रांसपोर्ट करने के लिए खुली ई रिक्शा के बजाय रिमिल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा प्राइवेसी लॉक को भी ध्यान में रखा जाए ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग साइबर सुरक्षा की व्यवस्था रखें ताकि डेटा को सेक्योर किया जा सके।

सीबीआई ने 6 एफआईआर दर्ज की नीट – यूजी पेपर
लीक मामले में सीबीआई ने 6 फिर दर्ज की नीट प्रवेश परीक्षा में धांधली के आरोप में सबसे पहले पटना पुलिस ने 5 में को मामला दर्ज किया था। जिसके बाद में 23 जून को सीबीआई को सौंप दिया गया। 5 मई तो हुई नीट परीक्षा में देशभर में 23 लाख छात्र शामिल हुए थे अब तक नीट मामले में 40 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें 15 आरोपियों को बिहार पुलिस ने पकड़ा था और अब तक इस मामले में 58 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा चुका है।