रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- सावन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है रक्षाबंधन
- कई भाई बहन के रिश्ते की पवित्रता को दर्शाता है यह पर्व।
रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस विशेष दिन पर बहने मंगल कामना के साथ अपनी भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है राखी बांधने के साथ-साथ राखी को उतारने के भी कई नियम है जिनका ध्यान रखने पर व्यक्ति को जीवन में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इस साल यह पावन पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा राखी के दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु के लिए ईश्वर से कामना करती हुई उसकी कलाई पर राखी बांधती है बदले में भाई अपनी बहन को खूबसूरत तोहफे के साथ जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
क्यों खास है यहां पर्व
पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में कृष्ण की उंगली सुदर्शन चक्र से कट गई थी। तब द्रौपदी ने अपना चीर फाड़कर कृष्ण की उंगली पर बांध दिया था। उस दिन कृष्ण ने द्रौपदी को उनकी रक्षा का वचन दिया था। और जब चीर हरण के समय द्रौपदी लाचारी थी और सबसे मदद मांग की भीख मांग रही थी। उस समय भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को चीर बढ़ाकर उनकी रक्षा की थी। तब से हर बहन राखी वाले दिन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती और भाई अपनी बहन की रक्षा की वचन उन्हें देते हुए। राखी का पर्व भाई बहन के बीच पवित्र प्रेम का यहां पर्व है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त –
रक्षाबंधन पर राखी बांधने का सही समय अपराह के दौरान माना जाता है वहीं भद्रा काल के दौरान भाई के हाथों में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता। ऐसे में 19 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन दोपहर 1:४३ मिनट से शाम 4:20 तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहने वाला है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांधने से उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है।