रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- गणेश महोत्सव हर साल धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है
- गणेश भगवान को देवताओं को प्रथम पूज्य माना जाता है
- गणेश चतुर्थी चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्थी के दिन होगा
गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 7 सितंबर 2024 को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव की शुरुआत हो गई है। हिंदू धर्म का बहुत महत्वपूर्ण हैं गणेश चतुर्थी का त्योहार जिसे लोग बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं। यहां पर्व भगवान श्री गणेश को समर्पित है जिन्हें ज्ञान समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल की चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। जो 10 दिनों तक चलता है बहुत से लोग अपने घर में बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते हैं। इस दिन को लेकर एक मान्यता है कि इस दिन चांद को नहीं देखना चाहिए।
भगवान श्री गणेश कैसे कहलाए गजानन –
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार नदी से माता पार्वती के किसी पालन में त्रुटि हो गई। जिसके बाद माता ने सोचा कि कोई तो ऐसा हो जो केवल उनकी आज्ञा का पालन करें। तब मां पार्वती ने अपने उबटन से एक बालक की आकृति बनाकर उसमें प्राण डाल दिए। इसके बाद माता पार्वती स्नान करने के लिए गई और उन्होंने बालक को बाहर पहरा देने के लिए कहा। माता पार्वती ने बालक को आदेश दिया था कि उनकी इजाजत के बिना किसी को अंदर नहीं आने दिया जाए। जब भगवान शिव के घर आए तो बालक ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इसके बाद भगवान शिव आए तो बालक ने उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया। जिससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया। यह सब देखकर माता पार्वती क्रोधित हुई और उन्होंने उनके बालक को जीवित करने के लिए कहा तब भगवान शिव ने एक हाथी का सिर बालक के धड़ से जोड़ दिया। तब से भगवान गणेश को गजानन भी कहा जाने लगा है।
गणेश चतुर्थी पर क्यों की जाती है गणपति मूर्ति की स्थापना –
गणेश चतुर्थी का दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है इस दौरान लोग अपने घरों मंदिरों और इत्यादि जगहों पर भगवान गणेश की मूर्ति और प्रतिमा लाकर बड़े ही धूमधाम के साथ पर्व को मानते हैं कहा जाता है कि भगवान गणेश को अपने घर लाने उनकी पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि मिलती है।