रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का निधन
- सीताराम येचुरी का निधन 5 दशकों तक रहे वामपंथी राजनीति की धुरी
- सीताराम येचुरी का निधन विपक्ष का बड़ा चेहरा कहा गया अलविदा
- नहीं रहे सीपीएम नेता सीताराम येचुरी 72 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस
- नहीं रहे सीपीएम नेता सीताराम येचुरी
वरिष्ठ नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सर्वादी ) के महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने 72 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे उन्हें पिछले दिनों एम्स में भर्ती किया गया था।
- लंबे समय से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था
- सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी कराई थी
निमोनिया का चल रहा था इलाज –
पार्टी ने मंगलवार को यह जानकारी दी सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी कराई थी। हर साल १९९५ ही में बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक वहां -19 अगस्त को एम्स अस्पताल में भर्ती हुए थे और तब से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। पिछले दिनों उनकी सेहत में मामूली सुधार दिखा लेकिन फिर सांस लेने में परेशानी हुई तो स्थिति गंभीर हो गई। वहां निमोनिया जैसे सीने के संक्रमण से पीड़ित थे। और मल्टी ऑर्गन केलियोर के चलते उनका निधन हो गया।
बता दे कि… येचुरी भारत में बामपंथ के चोटी के नेताओं में से थे। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी मार्क मार्क्सवादी का नेतृत्व कैसे वक्त में किया था। जब इस पार्टी का भारतीय राजनीतिक में वर्चस्व कम हुआ। हालाँकि कॉमरेड सीताराम येचुरी कहते थे। कि सीपीएम का संसद और विधानभा में भले ही प्रतिनिधित्व कम हुआ हो लेकिन देश का एजेंडा तय करने में अभी भी सीपीएम का अहम रोल।
सीताराम येचुरी के बारे में जानिए –
सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में मद्रास चेन्नई में एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ था उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। माँ कल्पकम येचुरी सरकारी अधिकारी थी। उन्होंने सेट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की 1975 में सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के सदस्य बने थे और जब येचुरी पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान इमरजेंसी के समय उन्हें गिरफ्तार किया गया था कॉलेज के समय से ही वह राजनीति में आ गए थे। वह तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। येचुरी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आवास के बाद पर्चा पढ़ने के चलते सुर्खियों में आए थे।
येचुरी का व्यक्तिगत जीवन –
सीताराम येचुरी ने बीबीसी का तंज सरकार पत्रकार सीमा चिश्ती से शादी की थी । येचुरी की यह दूसरी शादी थी येचुरी की पहली शादी वामपंथी कार्यकर्ता और नारीवादी डॉक्टर वीना मजूमदार की बेटी से हुई थी। इस शादी से उन्हें एक बेटा और एक बेटी हैं।
सीताराम येचुरी ने लिखी पुस्तके –
– लेफ्ट हैंड ड्राइव
– यह हिंदू राष्ट्र क्या है
– घृणा के राजनीति (हिंदी में) 21वीं सदी का समाजवाद जैसी किताबें शामिल है उन्होंने डायरी ऑफ फ्रीडम मूवमेंट
– द ग्रेट रिवॉल्ट
– अ लेफ्ट अप्रेजल और ग्लोबल इकोनामिक क्राइसिस -अ मार्कशीसिस्ट पर्स्पेक्टिव का संपादन भी किया था।