रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। लेबनान और सीरिया में मोसाद ने पेजर हमले को अंजाम दिया। एक साथ दोनों देशों में हजारों पेजर के होने लगे। जो जहां पर था… वहीं पर गिर गया। पेजर हमले में अभी तक 11 लोगों की जान गई। वहीं ईरानी राजदूत समेत 4000 लोग घायल है।
यह ऐसा अटैक था कि, एक ही वक्त में पूरे लेबनान में हिजबुल्लाह वालों के पास जो पेजर थे। उनमें जोरदार धमाका हुआ। इन फिस्फोटो में नौ लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 3000 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। इस अटैक ने लेबनान हिजबुल्लाह ही नहीं बल्कि आतंकियों और दुश्मनो से निपटने में इजरायल जितना इस्तेमाल सेना का करता है। उतना ही प्रयोग तकनीक और खुफिया एजेंसी का भी रहता है। बीते करीब 1 साल से इजरायल का संघर्ष हमास के साथ चल रहा और लेबनान में सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह की ओर से भी हमले किए गए हैं। इस बीच इजरायल ने हिज्बुल्लाह पर चौंकाने वाला अटैक किया है। यह ऐसा अटैक था कि एक ही वक्त में पूरे लेबनान में हिजबुल्ला वालो के पास जो पेजर थे उनमें जोरदार धमाका हुआ। इन विस्फोटों में नौ लोगों की मौत हो गई। जबकि करीब 3000 लोग बुर तरह से जख्मी हुए । इस अटैक ने लेबनान ,हिज्बुल्लाह ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया। पेजरों में धमाके मंगलवार की दोपहर को शुरू हुए। कई प्रतक्ष्यदर्शीयो ने बताया कि ,लोगों की जेब में रखे पेजर फटने लगे और धुँआ उठना दिखा यह विस्फोट ऐसे थे कि जैसे किसी ने गोली मारी हो या फिर पटाखा दागा गया हो।
पहले बीप …बीप की लंबी आवाज फिर एक-एक कर फटने लगे पेजर धमाकों का सिलसिला देर तक चलता रहा और जब ब्लास्ट बंद हुए तब तक लेबनान में लगभग ₹3000 पेजर फट चुके थे। लेटेस्ट जानकारी के अनुसार…. अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 4000 लोग घायल हो चुके हैं। इन धमाकों ने न सिर्फ लेबनान और उसके पड़ोसी सीरिया में थरथरी पैदा कर दिया हैं। बल्कि दुनिया भी इस हमले से सन्न है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक… लेबनान के अधिकारियों का मानना है कि कई महीनो से इस हमले की तैयारी चल रही थी। हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो भी करीब 5000 पेजर का आर्डर किया था । यह बीते दिनों की लेबनान पहुंचे थे। ट्रैक किए जाने के डर से हिजबुल्लाह के लड़ाके पुराने जमाने के पेज इस्तेमाल कर रहे थे। लेबनान में एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि जब पेजर्स का निर्माण इस्तेमाल कर रहे थे। लेबनान के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि जब पेजर का निर्माण किया जा रहा था। उसी वक्त इज़राइल ने इस पेजर में बदलाव किए थे।
अधिकारी के अनुसार…. मोसाद ने पेजर्स के अंदर एक बोर्ड लगाया था जिसे पर विस्फोट पर पदार्थ लगा था। जैसे ही इस बोर्ड के जरिए पेजर को कोड मिला तो इन पेजर में विस्फोट हो गया। खास बात यह है कि पेजर्स में लगा बोर्ड इस तरह का था कि उसे स्कैनर में पकड़ पाना बेहद मुश्किल था।
साजिश की सुई एक बार फिर दुनिया के सबसे शक्तिशाली जासूस गठबंधन मोसाद की ओर गई हैं। मोसाद ने ताइवान से लेबनान आ रहे 3000 पेजर की खेप को ही हैक कर डाला। राइटर्स ने लेबनान के सीनियर सुरक्षा एजेंसी के हवाले से कहा कि इस पेजर को प्रोडक्शन लेवल पर ही मॉडिफाई कर दिया गया था।
दावा किया गया है कि यह सारा प्लान मोसाद का था दरअसल.. इस स्टेटमेंट एक खतरनाक कंप्यूटर वायरस था। इसे मोसाद और अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने मिलकर विकसित किया था। इस वायरस ने ईरान की सेंट्रीफ्यूज को फिजिकल डैमेज पहुंचा। इस वायरस की वजह से सेंट्रीफ्यूज इतनी तेजी से घूमे की वे नाकाम हो गए खास बात यह रही कि यह सेंट्रीफ्यूज दिखाने के लिए तो ईरानी वैज्ञानिकों को समान डेटा रिपोर्ट भेज रहे थे। इस वजह से गड़बड़ी कैसे हो रही है इसका पता नहीं चल पा रहा था। इस वायरस ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा को काफी नुकसान पहुंचाया और परमाणु संक्रामक परमाणु कार्यक्रम अटक गया।