रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- लड्डू में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया है – टीडीपी
- गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने किया लड्डू का परीक्षण – टीडीपी प्रवक्ता
आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है। प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलने के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। इस पूरे घटनाक्रम में पूरे देश के संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है। संत कह रहे हैं कि तत्काल प्रभाव से मंदिर का ट्रस्ट बोर्ड भंग किया जाना चाहिए क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है। ऐसे में सवाल है कि पवित्र प्रसाद में किसने और क्यों मिलावट की।
अयोध्या भेजे गए थे तिरुपति के लड्डू –
इस जानकारी के सामने आने के बाद अब यह सवाल खड़ा हो रहा है। कि क्या इस साल की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर की बाढ़ प्रतिष्ठा में भी तिरुपति के लड्डू भेजे गए थे , दरअसल, उस वक्त मीडिया में ऐसी कई रिपोर्ट छपी थी। जिनमें कहा गया था कि इस उत्सव को खास बनाने के लिए प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने एक लाख छोटे लड्डू अयोध्या भेजने का फैसला किया है।
सीएम नायडू ने एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया कि तिरुमाला के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे उन्होंने घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया।
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसी साल जून में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और नायडू ने एनडीए की सरकार बने। 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब और डीडी बचा एफ एलटीडी भेजें । और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई इसमें एक फार्म के घी में मिलावट पाई गई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डू बनाए जा रहे हैं।
प्रसाद के लिए कौन तैयार करता है लड्डू –
तिरुपति मंदिर देश के सबसे बड़े मंदिर में से एक है यहां पर हर साल करीब 3 करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं यानी रोजाना करीब 82 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं करीब 3.50 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं। सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू दिए जाते हैं। इस पूरी व्यवस्था का संचालन उस कमेटी के द्वारा किया जाता है। जिसका गठन हर 2 साल में आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार करती है।